डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आतंकी जांच से जुड़ी गतिविधियां लगातार दूसरे दिन भी जारी रहीं। बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल सेल और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की संयुक्त टीम ने दिल्ली धमाके मामले से जुड़े नए सुरागों के आधार पर फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल में लगभग पांच घंटे तक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट और जिला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। टीम की अचानक कार्रवाई से अस्पताल परिसर में हलचल मच गई और सुरक्षा कारणों से मीडिया को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। सूत्रों के मुताबिक, जांच का फोकस गिरफ्तार आरोपी डॉ. आदिल से संबंधित गतिविधियों पर था, जो पूर्व में इसी अस्पताल में कार्यरत था। टीम ने अस्पताल के प्रशासनिक रिकॉर्ड, भर्ती प्रक्रिया, वेतन प्रणाली, और मरीजों से जुड़े डेटा की गहन जांच की। अधिकारियों ने यह समझने की कोशिश की कि डॉ. आदिल ने अपने कार्यकाल के दौरान किससे-किससे संपर्क रखा और क्या उसने किसी बाहरी संगठन या व्यक्ति को लाभ पहुंचाया।
अस्पताल के अन्य डॉक्टरों से ली आरोपी की गतिविधियों की जानकारी
जांच टीम ने अस्पताल के डॉक्टरों, जिनमें डॉ. बाबर और डॉ. असलम जैदी शामिल थे, से भी पूछताछ की। उनसे यह जानकारी ली गई कि डॉ. आदिल किन लोगों के संपर्क में रहता था और उसके कामकाज के दौरान अस्पताल में कौन-कौन लोग आते-जाते थे। यह लगातार दूसरी बड़ी जांच कार्रवाई थी। इससे पहले मंगलवार को एजेंसियों ने मानकमऊ क्षेत्र स्थित डॉ. आदिल के घर पर छापामारी की थी, जहां से श्रीनगर से दिल्ली की फ्लाइट टिकट समेत कई दस्तावेज बरामद हुए थे। अब इस टिकट से जुड़ी टाइमलाइन और उससे संबंधित गतिविधियों की जांच की जा रही है। इसके अलावा, आसपास के लोगों से भी पूछताछ हुई कि गिरफ्तारी से पहले कौन-कौन उससे मिलने आता था।
पहले से तैयार प्रश्नावली के साथ आयी टीम
अस्पताल प्रबंधक मनोज मिश्रा ने बताया कि टीम में DIG स्तर के अधिकारी शामिल थे और वे पहले से तैयार विस्तृत प्रश्नावली लेकर आए थे। उनसे भर्ती प्रक्रिया, सैलरी सिस्टम, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से संभावित लिंक, और मदरसों से संपर्क से जुड़े सवाल पूछे गए। मिश्रा के अनुसार, टीम ने कांग्रेस सांसद इमरान मसूद से संभावित संबंधों को लेकर भी सवाल किए, जिस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्पताल पहले मसूद से लीज पर लिया गया था, लेकिन वर्तमान में उनका कोई संबंध नहीं है।