KNEWS DESK- देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम करीब 7 बजे हुए भीषण धमाके में 13 लोगों की मौत के बाद जांच एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो गई है। शुरुआती जांच में सामने आया कि इस हमले के पीछे जम्मू-कश्मीर के रहने वाले डॉक्टर उमर मोहम्मद का हाथ था, जो धमाके में खुद भी मारा गया। अब सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी गतिविधियों को देखते हुए उमर का घर भी ढहा दिया है।
लाल किले के पास हुए इस ब्लास्ट के बाद देशभर में छापेमारी की गई। जांच में यह तथ्य सामने आया कि उमर और उसका मॉड्यूल पिछले दो वर्षों से इस धमाके की योजना बना रहा था। पुलिस ने इसके कई सहयोगियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, जिनके पास से लगभग 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था।
पुलिस ने उमर के भाई और उसकी मां को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उमर की मां ने स्वीकार किया कि उन्हें पता था कि उनका बेटा कट्टरपंथी सोच की ओर बढ़ रहा है और कई-कई दिनों तक घरवालों से संपर्क में नहीं रहता था। धमाके से ठीक पहले भी उसने परिवार को फोन न करने और संपर्क न करने की हिदायत दी थी हालांकि, परिवार की ओर से उमर की गतिविधियों की कोई जानकारी पहले पुलिस को नहीं दी गई थी।
दिल्ली धमाके की जांच में यह भी सामने आया कि पुलवामा का रहने वाला उमर मोहम्मद पेशे से डॉक्टर था, लेकिन उसने कट्टरपंथी संगठनों से नज़दीकियां बढ़ाकर जैश-ए-मोहम्मद के एक सक्रिय मॉड्यूल से हाथ मिला लिया था। धमाके में उसकी मौत होना इस बात का संकेत है कि वह इस हमले में खुद शामिल था और अंतिम चरण तक ऑपरेशन को अंजाम दे रहा था।
फिलहाल पुलिस उमर के साथियों से लगातार पूछताछ कर रही है। एजेंसियों का फोकस इस बात पर है कि- इस मॉड्यूल का नेटवर्क कितना बड़ा था? ये लोग और किन-किन जगहों पर ब्लास्ट की योजना बना रहे थे? कौन-कौन लोग इन्हें लॉजिस्टिक या आर्थिक सहायता दे रहे थे?
जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस मॉड्यूल से जुड़ी और बड़ी जानकारी सामने आ सकती है।