गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला-दिल्ली ब्लास्ट फंडिंग की जांच अब ईडी और एनआईए करेंगी, अल-फलाह यूनिवर्सिटी की फॉरेंसिक जांच के आदेश

डिजिटल डेस्क- दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट मामले में अब जांच का दायरा और भी व्यापक कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने इस विस्फोट को आतंकी घटना मानते हुए फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से भी जांच शुरू करने का आदेश दिया है। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक, एनआईए प्रमुख और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में तय हुआ कि ब्लास्ट की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य वित्तीय जांच एजेंसियां भी मिलकर काम करेंगी। इन एजेंसियों का फोकस इस बात पर रहेगा कि ब्लास्ट में इस्तेमाल हुए विस्फोटकों और नेटवर्क को किस तरह की फंडिंग मिली और इसके पीछे किन स्रोतों का हाथ था।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी की फॉरेंसिक जांच भी होगी

इस मामले में फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम बार-बार सामने आ रहा है। पहले ही इस यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से एक डॉ. शाहीन शाहिद और एक डॉ. आमिर मीर से पूछताछ जारी है। अब गृह मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी की फॉरेंसिक जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं यूनिवर्सिटी को आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग का जरिया तो नहीं बनाया गया था। ईडी और अन्य एजेंसियां यूनिवर्सिटी से जुड़े शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के बैंक ट्रांजेक्शन, विदेशी फंडिंग और अकाउंट्स की गहराई से जांच करेंगी। एजेंसियों को यह भी शक है कि यूनिवर्सिटी के नाम पर चलाई जा रही कुछ फर्जी संस्थाओं के जरिए विदेश से पैसा लाया जा रहा था।

यूपी के हापुड़ से डॉक्टर फारुक हिरासत में

इस मामले में जांच एजेंसियों ने आज यूपी के हापुड़ से डॉक्टर फारुक को हिरासत में लिया है। फारुक जीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और उन्होंने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से MBBS किया था। एजेंसियां उनसे उमर नबी और शाहीन शाहिद के नेटवर्क से जुड़ी पूछताछ कर रही हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से भी दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में लाल किला ब्लास्ट को जघन्य आतंकी हमला करार दिया गया। बैठक में धमाके में मारे गए 12 लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया। कैबिनेट प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि देशविरोधी ताकतों की इस साजिश का जवाब सख्ती से दिया जाएगा और अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।