KNEWS DESK- देश की राजधानी दिल्ली सोमवार शाम हुए भीषण कार ब्लास्ट से दहल उठी। सरकार ने अब इसे आतंकी हमला करार दिया है। जांच एजेंसियों के अनुसार, धमाके में इस्तेमाल हुई Hyundai i20 कार का चालक कोई और नहीं बल्कि डॉ. उमर था। इस बात की पुष्टि DNA टेस्ट से हो चुकी है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों ने कार के मलबे से बरामद हड्डियों और दांतों के सैंपल को डॉ. उमर की मां के DNA सैंपल से मिलवाया। दोनों के सैंपल पूरी तरह मैच हो गए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि धमाके के वक्त कार में मौजूद व्यक्ति डॉ. उमर ही था। जांच में यह भी सामने आया है कि विस्फोट के बाद उमर का पैर स्टीयरिंग व्हील और एक्सीलेरेटर के बीच फंस गया था, जिससे वह बाहर नहीं निकल सका।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली धमाके के पीछे एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा था। हाल ही में पुलिस ने फरीदाबाद से डॉ. शाहीन शाहिद नाम की महिला को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में शाहीन ने बताया कि वह और उसके सहयोगी पिछले दो सालों से विस्फोटक इकट्ठा कर रहे थे। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस पूरे मॉड्यूल का संचालन हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से किया जा रहा था, जहां कुछ डॉक्टर और छात्र एक गुप्त समूह के रूप में काम कर रहे थे।
दिल्ली धमाके के बाद देशभर के कई इलाकों में छापेमारी की जा रही है। अब तक 18 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कई अन्य संदिग्धों से पूछताछ जारी है। इस दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक, डेटोनेटर और हथियार बरामद किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि पुलिस की हालिया कार्रवाई से उमर घबरा गया था, और इसी डर के चलते उसने जल्दबाज़ी में धमाके को अंजाम दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भूटान दौरे से लौटते ही LNJP अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस हमले के पीछे जो भी हैं, उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को मामले की पूरी तह तक जाने और देशभर में आतंकी नेटवर्क की जाँच को तेज करने के निर्देश दिए हैं।