KNEWS DESK- राजधानी दिल्ली के लाल किला के पास हुए ब्लास्ट की जांच पुलिस लगातार तेज कर रही है। बुधवार को पुलिस ने उस कार डीलर अमित को हिरासत में लिया जिसने आई20 कार उमर और तारीक को दिलवाई थी। अमित को रॉयल कार प्लाजा के सेक्टर 37 स्थित ऑफिस से फरीदाबाद पुलिस की मदद से हिरासत में लिया गया।
पुलिस कार डीलर से पूछ रही है कि आई20 कार उसके पास कैसे आई और उमर ने कार किसके जरिए खरीदी। कार की पूरी डिटेल खंगाली जा रही है ताकि पता चल सके कि ब्लास्ट की योजना किस हद तक तैयार की गई थी।
आई20 कार और उसके मूवमेंट की जांच
जांच में सामने आया कि आई20 कार 29 अक्टूबर को खरीदी गई थी और 10 नवंबर की सुबह तक फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में खड़ी रही। इसके बाद कार सुबह 8 बजे के बाद बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में दाखिल हुई और दिनभर विभिन्न इलाकों में घूमती रही।
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, 10 नवंबर को कार साउथ-ईस्ट दिल्ली में दिखी और बाद में कनॉट प्लेस, पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार समेत कई हिस्सों में घूमती नजर आई। सुरक्षा एजेंसियां इस एंगल से जांच कर रही हैं कि क्या किसी बड़े इलाके को टारगेट किया जाना था या कार किसी और प्लान के तहत मूव कर रही थी।
उमर कार चला रहा था
जांच में पता चला कि जिस आई20 कार में ब्लास्ट हुआ वह उमर चला रहा था। अधिकारियों का कहना है कि उमर ने यह हमला इसलिए किया क्योंकि उसे डर था कि वह भी अपने साथी चिकित्सकों की तरह पकड़ा जा सकता है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथपोरा का यह डॉक्टर कथित तौर पर कार में अमोनियम नाइट्रेट जैसी विस्फोटक सामग्री ले जा रहा था।
प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि लाल किले के पास विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के तारिक को गिरफ्तार किया गया है, जिसने कथित तौर पर उमर मोहम्मद को आई20 कार दी थी।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां कार की पूरी ट्रैकिंग और उससे जुड़े अन्य संदिग्धों की पहचान के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं। सीसीटीवी फुटेज और पूछताछ से आने वाले खुलासों के आधार पर ब्लास्ट की पूरी साजिश उजागर करने की कोशिश की जा रही है।