वृश्चिक संक्रांति 2025: इस बार 16 नवंबर को पड़ रही है वृश्चिक संक्रांति,करें ये 4 दान जीवन में आएगी सुख-समृद्धि!

KNEWS DESK- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है। हर माह सूर्य का यह परिवर्तन विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। वृश्चिक संक्रांति वह दिन है जब सूर्य तुला राशि से निकलकर मंगल की राशि वृश्चिक में प्रवेश करते हैं। इसे शुभ कार्यों की शुरुआत और पुण्य कमाने का उत्तम समय माना गया है।

वृश्चिक संक्रांति 2025 की तिथि और समय

  • तिथि: 16 नवंबर 2025, रविवार
  • संक्रांति का समय: दोपहर 01:45 मिनट पर
  • पुण्य काल: सुबह 8:02 मिनट से दोपहर 01:45 मिनट तक
  • महापुण्य काल: सुबह 11:58 मिनट से दोपहर 01:45 मिनट तक

इस दिन सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही धार्मिक कर्म, स्नान, दान और सूर्यदेव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

वृश्चिक संक्रांति का महत्व

वृश्चिक संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा और मंत्र जाप करने से व्यक्ति को विशेष आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना, दीपदान करना और गरीबों की सेवा करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान और तप कर्म का फल कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा, पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

वृश्चिक संक्रांति पर क्या करें दान

अन्न का दान:

इस दिन गेहूं, चावल, दाल या अन्य अनाज गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

वस्त्र का दान:

पुराने या नए कपड़ों का दान इस दिन अत्यंत पुण्यदायी होता है। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।

धन का दान:

आश्रम, मंदिर या अनाथालय में धन का दान करने से भाग्य वृद्धि होती है। यह दान आर्थिक स्थिरता और समृद्धि लाता है।

फल और मिठाई का दान:

वृश्चिक संक्रांति के दिन लाल रंग के फलों जैसे सेब, अनार आदि का दान करना अत्यंत शुभ होता है। मान्यता है कि इससे इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। मिठाई बांटने से वातावरण में आनंद और सौहार्द बढ़ता है।

वृश्चिक संक्रांति न केवल सूर्य देव की आराधना का अवसर है, बल्कि आत्मशुद्धि और पुण्य अर्जन का भी उत्तम दिन है। इस दिन स्नान, दान और सूर्य उपासना से व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा, समृद्धि और सौभाग्य का संचार होता है। 16 नवंबर 2025 को आने वाली वृश्चिक संक्रांति का पूर्ण लाभ उठाने के लिए पुण्य काल में दान और पूजा अवश्य करें।