डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। मतदान से ठीक 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार थम चुका है, लेकिन इस बीच नेताओं की गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रहीं। ऐसा ही एक मामला कैमूर जिले से सामने आया है, जिसने राजनीतिक हलचल मचा दी है। यहां उत्तर प्रदेश की बीजेपी विधायक पूजा पाल पर मतदाताओं को पैसे बांटने और मोबाइल छीनने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में पूजा पाल रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में घूमती नजर आ रही हैं। वीडियो में कुछ स्थानीय लोग उनसे सवाल कर रहे हैं कि प्रचार खत्म होने के बाद भी वह इलाके में क्यों घूम रही हैं। इस दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पूजा पाल मतदाताओं को पैसों का प्रलोभन दे रही थीं। जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई, तो विधायक ने उनके मोबाइल छीनने की कोशिश की। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पूजा पाल अपने गनर और कुछ समर्थकों के साथ मौजूद हैं। जब उनसे सवाल किया गया कि आचार संहिता लागू होने के बाद वह यहां क्या कर रही हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि हम तो बस जा रहे हैं। इस जवाब के बाद मौके पर हंगामा बढ़ गया और दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
राजद ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रशासन पूरी तरह निष्क्रिय है और बीजेपी नेताओं को खुली छूट दी जा रही है। राजद के आधिकारिक X (ट्विटर) हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा गया “चुनाव आयोग मर गया है। यूपी की बीजेपी विधायक चुनाव आयोग को बिहार की मिट्टी में दफ़ना रही है।” राजद ने मांग की है कि चुनाव आयोग तत्काल इस मामले की जांच कर पूजा पाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। पार्टी ने कहा कि अगर इस तरह बाहरी राज्यों के नेता चुनाव प्रचार थमने के बाद भी मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे, तो लोकतंत्र पर सवाल उठेंगे।
नहीं आया कोई आधिकारिक बयान
अब तक कैमूर जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि वीडियो की जांच कराई जा रही है और अगर इसमें आचार संहिता के उल्लंघन के सबूत मिलते हैं, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।