प्रतापगढ़ में ड्रग माफिया पर बड़ी कार्रवाई.. जेल से चल रहा था नेटवर्क, ₹2.01 करोड़ कैश और स्मैक-गांजा बरामद

KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पुलिस ने नशे के कारोबार पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। मानिकपुर थाना पुलिस ने एक ऐसे ड्रग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जेल से ही नशे का नेटवर्क चला रहा था। पुलिस ने छापेमारी के दौरान ₹2.01 करोड़ नकद, 6.075 किलो गांजा और 577 ग्राम स्मैक (हेरोइन) बरामद की। इतनी बड़ी रकम की गिनती में पुलिस को 22 घंटे लग गए। यह अब तक का सबसे बड़ा ड्रग केस से जुड़ा कैश रिकवरी ऑपरेशन बताया जा रहा है।

अतीक-अशरफ पर शिकंजा कसने वाले अफसर ने की कार्रवाई

इस ऑपरेशन का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने किया, वही अधिकारी जिन्होंने प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। उनके निर्देशन में टीम ने जेल में बंद तस्कर राजेश मिश्रा के ठिकाने पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान गिरोह की मुखिया रीना मिश्रा, उसका बेटा विनायक मिश्रा, बेटी कोमल मिश्रा, रिश्तेदार अजीत कुमार मिश्रा और यश मिश्रा गिरफ्तार किए गए।

जेल से चल रहा था नशे का नेटवर्क

पुलिस जांच में सामने आया कि राजेश मिश्रा, जो पहले से जेल में बंद है, वहीं से पूरा नेटवर्क चला रहा था। वह अपने परिवार को फोन या जेल मुलाकातों के जरिये आदेश देता था। गिरोह लंबे समय से गांजा और स्मैक की तस्करी में सक्रिय था और इस कारोबार से करोड़ों की अवैध संपत्ति खड़ी कर चुका था।

छापेमारी के वक्त बंद दरवाजे में चल रहा था सौदा

जब पुलिस टीम मुन्दीपुर गांव पहुंची, तो रीना मिश्रा ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। टीम ने जबरन दरवाजा खोला, तो पांच लोग अंदर काले पॉलिथीन में नशे का माल छिपाने की कोशिश कर रहे थे। तलाशी में भारी मात्रा में नकदी और नशा बरामद हुआ।

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि रीना मिश्रा और विनायक मिश्रा ने राजेश मिश्रा की जमानत फर्जी कागजातों के जरिए कराई थी। उन्होंने एक व्यक्ति के नाम पर झूठे दस्तावेज कोर्ट में जमा किए थे। अब पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की कई धाराओं (319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5), 61(2), 234, 235) के तहत केस दर्ज किया है।

पहले भी कुर्क हो चुकी हैं करोड़ों की संपत्तियां

इससे पहले भी पुलिस ने राजेश और रीना मिश्रा की ₹3.06 करोड़ की संपत्ति कुर्क की थी। दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और एनडीपीएस एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। उनका बेटा विनायक मिश्रा भी पूर्व में एनडीपीएस एक्ट में जेल जा चुका है।

बरामदगी का ब्यौरा

कैश: ₹2,01,55,345, गांजा: 6.075 किलो (कीमत ₹3,03,750), स्मैक (हेरोइन): 577 ग्राम (कीमत ₹1,15,40,000), कुल बरामदगी: ₹3 करोड़ से अधिक

रीना मिश्रा (40 वर्ष), विनायक मिश्रा (19 वर्ष), कोमल मिश्रा (20 वर्ष), यश मिश्रा (19 वर्ष), अजीत कुमार मिश्रा (32 वर्ष)

एसपी दीपक भूकर ने कहा कि यह कार्रवाई संगठित अपराध और नशे के नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने चेतावनी दी कि जिले में नशे के कारोबारियों पर आगे भी कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। जिला प्रशासन अब गिरोह की संपत्तियों की जांच कर रहा है, ताकि इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके।