डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान खत्म हो चुका है। राज्य में इस बार भारी मतदान दर्ज किया गया है, जिससे साफ है कि जनता में चुनाव को लेकर जबरदस्त उत्साह है। सभी राजनीतिक दलों को इस बार बंपर वोटिंग से नई उम्मीदें हैं। इसी बीच लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हाल ही में परिवार एवं पार्टी से अलग हुए तेजप्रताप यादव का बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। तेज प्रताप यादव ने इशारों-इशारों में कहा है कि अगर चुनाव परिणाम उनके पक्ष में गए तो वे किसी भी गुट के साथ जाने से परहेज नहीं करेंगे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “14 नवंबर को बदलाव होगा, और यह बदलाव संपूर्ण होगा। जो रोजगार देगा, पलायन रोकेगा और जनता के मुद्दों पर काम करेगा, मैं उसी का समर्थन करूंगा, चाहे वह कोई भी हो।
अपनी नई पार्टी के बैनर तले लड़ रहे हैं चुनाव
तेजप्रताप यादव ने इस बार अपनी नई पार्टी ‘जन शक्ति जनता दल’ के बैनर तले कई उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। यही वजह है कि वे एक बार फिर बिहार की सियासत के केंद्र में आ गए हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे एनडीए के साथ जा सकते हैं, तो तेजप्रताप ने कहा, “हां, जिसके पास संख्याबल होगा और जो विकास के लिए काम करेगा, हम उसके साथ रहेंगे। हमें किसी के साथ जाने में कोई दिक्कत नहीं है।” तेजप्रताप के इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर तेज हो गया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकेत है कि तेजप्रताप आने वाले दिनों में सत्ता पक्ष का रुख कर सकते हैं। वहीं, कुछ इसे उनकी रणनीतिक चाल बता रहे हैं, जिससे वे चुनाव बाद किसी भी स्थिति में अपने लिए राजनीतिक जगह बना सकें।
लालू यादव ने 6 साल के लिए पार्टी और घर से कर दिया था बेदखल
गौरतलब है कि बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार में जबरदस्त घमासान देखने को मिला था। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से छह साल के लिए बाहर कर दिया था। इसके बाद तेजप्रताप ने अपनी अलग राह चुनते हुए नई पार्टी बनाई और कई सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए, जिनमें एक सीट तेजस्वी यादव की भी है।