अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा स्नान, सरयू घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, नगर निगम ने की चाक-चौबंद व्यवस्थाएं

KNEWS DESK- अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को सरयू नदी के तट पर आस्था का अभूतपूर्व संगम देखने को मिला। लाखों श्रद्धालु मंगलवार रात से ही अयोध्या पहुंचने लगे थे और भोर होते ही सरयू घाटों पर स्नान का सिलसिला आरंभ हो गया। तड़के चार बजे से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात की सुगमता के लिए विशेष व्यवस्था की है। बुधवार सुबह से लता मंगेशकर चौक और सरयू घाट की ओर जाने वाले वाहनों पर यातायात प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। यह डायवर्जन मेला समाप्त होने तक प्रभावी रहेगा। आवश्यक सेवाओं और एम्बुलेंस वाहनों को इस प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है।

नगर निगम ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छता, पेयजल, शौचालय और कपड़े बदलने की सुविधाएं सुनिश्चित की हैं। घाटों पर नौ स्थायी चेंजिंग रूम, 63 केबिन और 25 टेंट के अस्थायी चेंजिंग रूम तैयार किए गए हैं ताकि विशेषकर महिला श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। इसके अलावा घाटों पर 250 बायो टॉयलेट भी लगाए गए हैं।

महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी और नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को सफाई और अन्य व्यवस्थाओं पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त डॉ. नागेंद्र नाथ, भारत भार्गव, जलकल महाप्रबंधक सौरभ श्रीवास्तव और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राममणि शुक्ल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

निरीक्षण दल ने राम की पैड़ी, नागेश्वरनाथ मंदिर, ऋणमोचन घाट, पापमोचन घाट, संत तुलसीदास घाट, चौधरी चरण सिंह घाट और आरती घाट सहित प्रमुख स्थलों की सफाई, प्रकाश व्यवस्था और पेयजल सुविधाओं का निरीक्षण किया।

नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश पांडेय ने बताया कि घाटों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए 250 सफाई कर्मचारियों की तीन शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई है। श्रद्धालुओं के लिए 25 स्थानों पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। सभी वाटर कियोस्क, हैंडपंप और स्टैंड पोस्ट पूरी तरह क्रियाशील हैं। घाटों और पार्किंग स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था भी की गई है।