KNEWS DESK- समाजवादी पार्टी (सपा) में संगठनात्मक अनुशासन और एकजुटता को लेकर राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने बड़ा कदम उठाया है। बदायूं जिले में पार्टी की सभी फ्रंटल इकाइयों को भंग कर दिया गया है, जबकि जिला कार्यकारिणी को भी भंग कर केवल जिलाध्यक्ष को ही पद पर बनाए रखा गया है। इसका मकसद सपा में गुटबाजी को समाप्त करना और सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट करना बताया जा रहा है।
शिवपाल यादव का दो दिवसीय बदायूं दौरा पहले से तय था। उनके आगमन से दो दिन पहले ही सपा के प्रदेश कार्यालय से आदेश जारी किया गया था कि युवा सभा, छात्र सभा, महिला सभा, लोहिया वाहिनी और सभी प्रकोष्ठ तत्काल प्रभाव से भंग किए जाएं।
रविवार को शिवपाल सिंह यादव ने सहसवान पहुंचकर दहगवां चौराहे पर एक होटल और हाल का फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर सपा सांसद आदित्य यादव, सहसवान विधायक बृजेश यादव और कई वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह में शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में विकास कार्यों को ठेकेदारी के हवाले किया जा रहा है और अधिकतर ठेके गुजरात की कंपनियों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे जनता के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं और केवल समाजवादी पार्टी ही जनता को राहत दिला सकती है।
सभा को संबोधित करते हुए सांसद आदित्य यादव ने कहा कि अब गुटबाजी का समय खत्म हो चुका है। कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में जनता ने सपा को भरपूर समर्थन दिया। अब उसी एकता और जनसमर्थन को बनाए रखना होगा। हमारी ताकत हमारी एकजुटता है।”
इस अवसर पर पूर्व मंत्री ओमकार सिंह यादव, पूर्व सांसद सलीम इकबाल शेरवानी, विधायक रामखिलाड़ी सिंह यादव, पूर्व विधायक आर.के. शर्मा और सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। शिवपाल सिंह यादव और आदित्य यादव का मेरठ हाईवे पर कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया।
सहसवान में पत्रकारों से बातचीत में शिवपाल यादव ने कहा कि मायावती भाजपा से मिली हुई हैं, वहीं सपा सभी पीड़ितों के साथ खड़ी है। उन्होंने बिहार चुनाव में राजद की जीत की संभावना जताई और चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव कराने की अपील की।
शिवपाल यादव के दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए और पिछली चुनावी रणनीतियों पर चर्चा की। राष्ट्रीय महासचिव और सांसद आदित्य यादव ने इसे गंभीरता से लिया और कार्यकर्ताओं को संगठन में एकजुट रहने का संदेश दिया।
सपा में यह कदम स्पष्ट रूप से गुटबाजी समाप्त करने और पार्टी संगठन को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है। इसे कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच एकजुटता बढ़ाने वाला बड़ा कदम माना जा रहा है।