मोदी का दौरा,सवालों की झड़ी ! 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखण्ड इस बार अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे करने जा रहा है। यह पहला अवसर है जब राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह के अवसर पर देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों शामिल होने जा रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिवसीय दौरे पर तीन नवंबर को उत्तराखण्ड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगी. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 नवंबर को एफआरआई देहरादून में आयोजित समापन समारोह में भाग लेंगे। उत्तराखण्ड के इस रजत जयंती उत्सव के इन आयोजनों से राज्य का गौरव बढ़ गया है. और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार इसे ऐतिहासिक बनाने में जुटी हुई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो नवंबर को हरिद्वार में एक कार्यक्रम में शामिल होंगी। इसके बाद तीन नवंबर को वह देहरादून पहुंचकर विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगी। यह उत्तराखण्ड विधानसभा के इतिहास में दूसरा मौका होगा जब किसी राष्ट्रपति का विशेष सत्र में अभिभाषण होगा। इससे पहले मई 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विशेष सत्र को संबोधित किया था। तीन नवंबर के बाद राष्ट्रपति नैनीताल रवाना होंगी और अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान कई कार्यक्रमों में भाग लेंगी। वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 नवंबर को देहरादून के एफआरआई में रजत जयंती समापन समारोह में शामिल होंगे। राज्य सरकार ने उनके आगमन की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे, अपर सचिव मुख्यमंत्री बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी सविन बंसल, महानिदेशक उद्योग सौरभ गहरवार, आईजी इंटेलिजेंस के एस नगन्याल और आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने आयोजन स्थल का स्थलीय निरीक्षण भी कर लिया है। आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री के आगमन के लिए सभी व्यवस्थाएं समय से पहले पूरी कर ली जाएं। वही रजत जयंती पर विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस का कहना है कि यह विशेष सत्र गैरसैण में होना चाहिए था. धामी सरकार द्वारा दो दिन का यह विशेष सत्र देहरादून विधानसभा में आहूत करना एक खानापूर्ति है. जो उत्तराखण्ड वासियो के लिए एक मज़ाक है।

उत्तराखंड का इस साल रजत जयंती सप्ताह 1 से 11 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान नारी शक्ति दिवस, सुशासन दिवस, युवा खेल महोत्सव, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन दिवस, बलिदानियों को नमन, सांस्कृतिक विरासत, रोजगार दिवस और विकास यात्रा जैसे विषयों पर पूरे राज्य में भव्य आयोजन होंगे। मुख्य आयोजन देहरादून, नैनीताल और हरिद्वार में प्रस्तावित हैं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू के एक साथ आने से यह आयोजन उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा संदेश देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक कद और मजबूत होगा। राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में केंद्र और राज्य नेतृत्व की संयुक्त मौजूदगी उत्तराखंड के भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड बनाया और आज राज्य स्थापना का रजत जयंती उत्सव मनाने का अवसर भी बीजेपी को मिला है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छूते हुए धार्मिक सांस्कृतिक धरोहरों को सजाने के स्वर्णिम युग को जी रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर बीजेपी की वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 से 11 नवंबर तक चलने वाले रजत जयंती समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति उत्साहवर्धक है। रजत उत्सव के दौरान राज्यवासियों से मिलकर हमें अब तक की उपलब्धियों पर विमर्श के साथ ही आने वाले 25 वर्षों का रोडमैप भी तैयार करना है। उन्होंने कहा कि रजत जयंती के जितने भी कार्यक्रम होंगे. उनमें हर वर्ग, समाज, क्षेत्र व आयामों को जोड़ने का काम पार्टी कार्यकर्ताओं को करना है. पार्टी के सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना है कि इन कार्यक्रमों में प्रत्येक उत्तराखंडी की भागीदारी हो। सरकार अपनी ओर से इन गौरवशाली कार्यक्रमों के सफल आयोजन को हरसंभव प्रयास कर रही है।

वही उत्तराखंड गठन की रजत जयंती पर नवम्बर में विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। दो दिन के इस सत्र में प्रदेश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बीते दिनों बैठक में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में आपदा प्रबंधन, प्रशासनिक सुधार और स्थानीय स्तर पर सेवा वितरण को प्रभावी बनाने को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री धामी ने थराली की आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाने और पुनर्वास कार्यों को युद्ध स्तर पर प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। बैठक में तय किया गया कि नवंबर माह में विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में राज्य की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी। बैठक में लिए गए फैसलों के तत्काल क्रियान्वयन को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जनहित के कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। वही रजत जयंती पर विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस का कहना है कि धामी सरकार द्वारा दो दिन का सत्र आहूत करना एक खानापूर्ति है. जो उत्तराखण्ड वासियो के लिए एक मज़ाक है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि विशेष सत्र गैरसैण में होना चाहिए था. 25 साल हो रहे है. जिसमें प्रदेश की उपलब्धियों को याद करने का भी समय है. और जहां खामियां रह गई है. जहाँ कमजोरी रह गई. उनपर विवेचन करने की भी ज़रूरत है. जिसके लिए विधानसभा का यह विशेष सत्र कम से कम एक सप्ताह चलना चाहिए था।

उत्तराखंड में केवल सरकार ही नहीं, बल्कि बीजेपी संगठन भी अलग से राज्य स्थापना लेकर को बड़ी तैयारियों में लगा हुआ है. जिस तरह से सरकार राज्य स्थापना और रजत जयंती वर्ष के मौके पर कार्यक्रमों की तैयारी कर रही है, साथ ही सरकार की ओर से राज्य हित में किसी बड़े फैसले की तैयारी की जा रही है. तो उस फैसले को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बीजेपी अपने विशाल और मजबूत नेटवर्क का इस्तेमाल करेगा.अब यही वजह है कि विपक्षी दल इन दौरों और कार्यक्रमों को लेकर सरकार पर निशाना साधे हुए है.