6 साल बाद जापान पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप, सम्राट नरुहितो से की मुलाकात

KNEWS DESK – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप छह साल बाद जापान पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। ट्रंप ने टोक्यो स्थित इंपीरियल पैलेस में जापान के सम्राट नरुहितो से मुलाकात की। ट्रंप की यह दूसरी मुलाकात सम्राट नरुहितो से है — इससे पहले वे 2019 में भी उनसे मिले थे और ऐसा करने वाले पहले विदेशी नेता बने थे।

सम्राट नरुहितो से सौजन्य मुलाकात

हालांकि जापान में सम्राट का पद केवल सांकेतिक है, फिर भी ट्रंप की इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच मजबूत कूटनीतिक रिश्तों का प्रतीक माना जा रहा है। सम्राट से औपचारिक बातचीत के बाद, ट्रंप मंगलवार को जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची से मुलाकात करेंगे। यह बैठक अकासाका पैलेस में होगी, जहां दोनों देशों के बीच शिपबिल्डिंग, निवेश और व्यापार समझौते पर चर्चा होगी।

ट्रंप के साथ इस यात्रा में कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक, ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट और स्टेट सेक्रेटरी मार्को रुबियो भी शामिल हैं। सुरक्षा को लेकर जापान में कड़े इंतजाम किए गए हैं। टोक्यो की सड़कों पर हजारों पुलिसकर्मी तैनात हैं ताकि किसी भी तरह की सुरक्षा चूक न हो।

ट्रंप की यात्रा का उद्देश्य

ट्रंप की इस यात्रा का मुख्य मकसद व्यापारिक निवेश बढ़ाना और एशियाई देशों के साथ आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है। ट्रंप पहले ही जापान से 550 बिलियन डॉलर का निवेश सुनिश्चित कर चुके हैं। इसके बदले अमेरिका ने जापानी सामानों पर लगाए गए टैरिफ में राहत दी है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ताकाइची यूएस पिकअप ट्रक, सोयाबीन और गैस की खरीद का वादा कर ट्रंप को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। दोनों नेता शिपबिल्डिंग सेक्टर में बड़े निवेश समझौते पर भी चर्चा करेंगे।

एशिया दौरे का हिस्सा है जापान यात्रा

जापान का यह दौरा ट्रंप की पांच दिन की एशिया यात्रा का हिस्सा है। इस दौरे में उनका उद्देश्य चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ट्रेड वॉर में शांति समझौता करना है। ट्रंप की यात्रा का पहला पड़ाव मलेशिया था, जहां उन्होंने चार दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापारिक करार किए। इसके बाद वह दक्षिण कोरिया जाएंगे, जहां शी जिनपिंग से मुलाकात तय है।

अमेरिका-चीन समझौते की उम्मीद

रविवार को अमेरिकी और चीनी वार्ताकारों ने संभावित समझौते का ढांचा तैयार किया, जिसमें दोनों देशों ने टैरिफ और निर्यात नियंत्रण पर वृद्धि रोकने की दिशा में सहमति जताई। इस खबर के बाद एशियाई शेयर बाजारों में तेजी देखी गई। ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि वे राष्ट्रपति शी का “बहुत सम्मान” करते हैं और उन्हें भरोसा है कि इस बार “एक सफल समझौता जरूर होगा।”