स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल, सड़कों तक बवाल…. 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में ऑपरेशन स्वास्थ्य के नाम से चलाए जा रहे जन आंदोलन को 25 दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी तक मांगों पर ठोस व सार्थक पहल न होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रविवार को दूर-दूर से पहुंचे जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने नारेबाजी कर सरकार के उदासीन रवैये पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि अब वह किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे और आंदोलन को मुकाम तक पहुंचा कर ही दम लेंगे। सीएचसी के उच्चीकरण, विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती व जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर आरती घाट पर चल रहा आंदोलन व भूख हड़ताल रविवार को 25 वें दिन भी जारी रहा। भूख हड़ताल पर बैठे नारायण सिंह मेहरा के अनशन को रविवार को सात दिन हो गए हैं जबकि पवन मेहरा के अनशन का दूसरा दिन है।

अनशनकारी के स्वास्थ्य में गिरावट आने से भी नहीं हटे पीछे

इधर, अनशनकारी 82 वर्षीय नारायण सिंह के स्वास्थ्य में गिरावट आने के बावजूद हौंसले बुलंद हैं। 24 अक्टूबर को अनशन स्थल से निकली देहरादून कूच पदयात्रा तीसरे दिन रविवार को चमोली के सिमली से आगे निकली, जो शाम को कर्णप्रयाग पर पहुंचकर वहां रात्रि पड़ाव के लिए रूकी। इस पदयात्रा का उद्देश्य देहरादून पहुंचने पर सीएम व स्वास्थ्य मंत्री आवास घेराव करने का कार्यक्रम है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लेकर जनता की आवाज़ सुनकर सिर्फ 24 घंटे के भीतर बड़ा फैसला ले लिया था। सीएचसी को उप-जिला चिकित्सालय घोषित किया गया और डॉक्टरों की तैनाती के आदेश भी जारी कर दिए गए। अल्मोड़ा जिला अस्पताल से डॉ. मनीष पंत और डॉ. कृतिका भंडारी को चौखुटिया भेजने के आदेश जारी हुए। लेकिन मुद्दे का हल न हो, इसको लेकर कांग्रेस को बेचैनी होने लगी।

कांग्रेस के कारण आदेश को वापस लेना पड़ा

कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण में ऐसा शोर मचाया कि स्वास्थ्य विभाग को आदेश वापस लेना पड़ा। अब यह वही कांग्रेस है जो खुद को जनता की आवाज़ बताती है, लेकिन जब जनता की आवाज़ सरकार ने सुन ली तो इन्हें दर्द हो गया। दरअसल डॉ. कृतिका भंडारी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की नातिन हैं और डॉ. मनीष पंत, विधायक मनोज तिवारी के करीबी हैं। जिसको लेकर राजनीति चरम पर है। उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर धामी सरकार को जगाने के लिए बीते 24 अक्टूबर से चौखुटिया में अनशन स्थल से निकली देहरादून कूच पदयात्रा तीसरे दिन रविवार को चमोली के सिमली से आगे निकल गई, जो शाम को कर्णप्रयाग पहुंचे कर वहीं रात्रि पड़ाव किया। पदयात्रा के देहरादून पहुंचने पर सीएम व स्वास्थ्य मंत्री आवास घेराव का कार्यक्रम तय है। आंदोलन के मुखिया भुवन कठायत की अगुवाई में चल रही पदयात्रा में पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, युवा नेता आशीष नेगी, जिला पंचायत सदस्य सरस्वती किरौला, चंद्रा कोहली, महेंद्र सिंह बैडिया, हेमंत बंगारी, सुंदर सिंह नेगी, भगवत सिंह, आनंद राम, शांति अटवाल, सुंदर सिंह भटकोट, रूद्र सिंह आदि शामिल हैं। वहीं चौखुटिया सीडीओ रामजी शरण शर्मा की माने तो चौखुटिया में चल रहे स्वास्थ्य आंदोलन के दृष्टिगत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में जुटा हुआ है। उनका कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सीएचसी चौखुटिया में व्यवस्थाओं को बढ़ाया गया है। वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौखुटिया में सात एमबीबीएस डॉक्टर, एक एमओआईसी, एक डेंटल सर्जन समेत कुल 9 डॉक्टर कार्यरत हैं। सचिव स्वास्थ्य के निर्देशानुसार पूर्व माह में दो दिन को बढ़ाते हुए सप्ताह में तीन दिवस मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को रोस्टर के अनुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है। सीएचसी चौखुटिया को 30 बेड से 60 बेड किए जाने का शासनादेश भी जारी हो गया है। कुछ समय बाद सभी कार्य धरातल पर उतर जाएंगे तथा लोगों को उनका लाभ मिल सकेगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कुछ समय धैर्य रखने की जरूरत है। सीएमओ डा. नवीन तिवारी ने कहा कि स्वास्थ्य महकमा बेहतर सुविधाएं मुहैया कराए जाने को लगातार प्रयासरत हैं।

अस्पताल और डॉक्टरों की तैनाती में गुटबाबी के लिए कांग्रेस जिम्मेदार- भाजपा

वहीं बीजेपी ने चौखुटिया में जनता के इलाज के लिए अस्पताल और डॉक्टरों की तैनाती पर कांग्रेस मे चल रही गुटबाजी को जिम्मेदार बताया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट का कहना है कि इससे आखिरकार जनता को ही नुकसान हो रहा है। जनता डॉक्टर मांग रही थी और सरकार ने डॉक्टर दे भी दिए, लेकिन विपक्ष को इससे भी परेशानी हो गई। उन्होंने कहा जनता अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया क्षेत्र में 24 दिन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और सुविधाओं को लेकर आंदोलन कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लेकर जनता की आवाज़ सुनी और सिर्फ 24 घंटे के भीतर बड़ा फैसला ले लिया था। सीएचसी को उप-जिला चिकित्सालय घोषित किया गया और डॉक्टरों की तैनाती के आदेश भी जारी कर दिए गए थे। अल्मोड़ा जिला अस्पताल से डॉ. मनीष पंत और डॉ. कृतिका भंडारी को चौखुटिया भेजने के आदेश जारी हुए। लेकिन मुद्दे का हल न हो, इसको लेकर कांग्रेस को बेचैनी होने लगी।

200 समर्थकों के साथ ऑफिस को बनाया राजनीतिक वार्ड

शनिवार को मनोज तिवारी करीब 200 समर्थकों के साथ सीएमओ ऑफिस पहुंच गए और घेराव किया। उन्होंने ऑफिस को ही राजनीतिक वार्ड बना दिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य के सवालों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि इस सवाल का जवाब उन्हे देना चाहिए कि जब डॉक्टर चाहिए ही नहीं थे तो अस्पताल और डॉक्टर को लेकर मुद्दा क्यों बनाया। उन्होंने इसे फैमिली डॉक्टर पॉलिटिक्स करार देते हुए कहा कि जिन डॉ. कृतिका भंडारी का ट्रांसफर हुआ था, उन्हें अचानक पैर में चोट लग जाती है और वो 15 दिन की मेडिकल लीव मांग लेती हैं, लेकिन छुट्टी का सर्टिफिकेट देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल से आता है। अब ये तो खुद मेडिकल मिस्ट्री बन गई कि जो डॉक्टर ड्यूटी पर थीं ही नहीं, वो छुट्टी किससे ले रही हैं। कुल मिलाकर, सरकार जनता के मुद्दों का इलाज कर रही है और विपक्ष हर इलाज में राजनीति का इंजेक्शन लगा रहा है। चौखुटिया का अस्पताल अब उप-जिला चिकित्सालय बन गया है, लेकिन विपक्ष की मानसिक हालत अभी भी पुराने वार्ड में भर्ती दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता के मुद्दों के प्रति न संवेदनशील है और न ही जवाबदेह। आंदोलन कर रही जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। कांग्रेस का यही दोहरा चरित्र उसे हाशिये पर धकेल रहा है। वहीं कांग्रेस ने इन आरोप को निराधार बताया है।

25 वर्षों में ऐसा पहली बार

ऐसा पहली बार है जब राज्य बने 25 वर्ष पुरे होने जा रहे हैऔर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पहाड़ की जनता को आज भी सरकार के साथ दो चार होना पड़ रहा है। चौखुटिया से देहरादून के लिए निकली पदयात्रा बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर कल चौखुटिया से निकली पदयात्रा देर रात गैरसैंण पहुंची। पूर्व सैनिक भुवन कठैत के नेतृत्व में चौखुटिया से देहरादून के लिए निकली पदयात्रा के आंदोलनकारियों का दल गैरसैंण पहुंचा। बता दें कि कल पद यात्रा से पूर्व क्षेत्रवासियों ने चौखुटिया में आक्रोश रैली निकालकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था। सवाल यह है कि एक तरफ सरकार 25 साल पूरे होने से पहले विशेष सत्र का आयोजन करने जा रही है, जिसमें भाजपा सरकार की भविष्य में हुए और होने जा रहे कामों को लेकर बड़ा आयोजन आयोजित किया जा रहा है। वहीं एक तरफ पहाड़ की जनता स्वास्थ्य सेवाओं जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर आज भी पहाड़ से मैदान तक पदयात्रा निकाल रही है। ऐसे में इस यात्रा से विपक्ष के लिए भी बड़ा मुद्दा और सरकार के लिए बखेड़ा खड़ा कर दिया है। धामी सरकार इस पद यात्रा आंदोलन से कैसे पार कर पायेगी ये देखने वाली बात होगी।