डिजिटल डेस्क- दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) में रविवार को तिमोर-लेस्ते को 11वें सदस्य देश के रूप में शामिल कर लिया गया। यह आसियान का 26 साल बाद पहला विस्तार है। इससे पहले 1999 में कंबोडिया को संगठन में शामिल किया गया था। तिमोर-लेस्ते ने वर्ष 2011 में सदस्यता के लिए आवेदन किया था और अब लंबी प्रतीक्षा के बाद इसकी सदस्यता आधिकारिक रूप से पक्की हो गई है। आसियान की 47वीं शिखर बैठक के दौरान कुआलालंपुर में आयोजित समारोह में तिमोर-लेस्ते के प्रधानमंत्री जनाना गुसमाओ ने अन्य 10 सदस्य देशों के नेताओं के साथ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही इस द्वीपीय राष्ट्र की लंबे समय से प्रतीक्षित सदस्यता सुनिश्चित हुई। हस्ताक्षर के बाद सभी नेताओं ने हाथ मिलाकर एकता का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया।
आज इतिहास रच गया- प्रधानमंत्री गुसमाओ
प्रधानमंत्री गुसमाओ ने कहा, “आज इतिहास रचा गया। तिमोर-लेस्ते को आसियान का 11वां सदस्य बनाया गया। यह हमारे लोगों के लिए सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि हमारी दृढ़ता, संकल्प और आशा की यात्रा का प्रतीक है। आसियान के लिए यह एक दृष्टि की निरंतरता है—एक ऐसा परिवार जो समान मूल्यों, साझा आकांक्षाओं और सामूहिक भविष्य से जुड़ा है।” मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, जो वर्तमान में आसियान अध्यक्ष हैं, ने तिमोर-लेस्ते को बधाई देते हुए कहा कि अब “आसियान परिवार पूर्ण” हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि संगठन के भीतर तिमोर-लेस्ते के विकास और रणनीतिक स्वायत्तता को स्थायी समर्थन मिलेगा।
आसियान की 47वीं शिखर बैठक कुआलालंपुर में हो रही है आयोजित
आसियान की 47वीं शिखर बैठक और उससे जुड़े सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किए जा रहे हैं। इस वर्ष की थीम ‘इंक्लूसिविटी एंड सस्टेनेबिलिटी’ (समावेशिता और स्थायित्व) है। बैठक के दौरान कई प्रमुख सम्मेलन होंगे, जिनमें आसियान प्लस वन समिट, ईस्ट एशिया समिट, आसियान-यूएन समिट और आसियान-न्यूजीलैंड कमेमोरेटिव समिट शामिल हैं। इन सम्मेलनों के माध्यम से 50 वर्षों के संवाद संबंधों का जश्न मनाया जाएगा।
मलेशिया 5वीं RCEP की मेजबानी में भी व्यस्त
इसके अलावा, मलेशिया 5वीं रीजनल कॉम्प्रेहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) समिट और तीसरी एशिया जीरो एमिशन कम्युनिटी (AZEC) लीडर्स मीटिंग की भी मेजबानी कर रहा है। बैठक के दौरान आसियान नेता क्षेत्रीय एकीकरण को गहरा करने, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और कनेक्टिविटी बढ़ाने पर विचार करेंगे। साथ ही वे संगठन की एकता, केंद्रीयता और नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करने की दिशा में चर्चा करेंगे।