डिजिटल डेस्क- फिरोजाबाद पुलिस ने यूट्यूबर मशकूर रजा को गिरफ्तार कर लिया है, जो कुछ समय पहले एएसपी अनुज चौधरी को फोन पर धमकाने के मामले में सुर्खियों में आए थे। इस बार उनकी गिरफ्तारी एक अलग मामले में हुई है सरकारी योजना का झांसा देकर ठगी करने और तमंचे के बल पर रंगदारी मांगने के आरोप में। मशकूर रजा मूल रूप से मुरादाबाद जिले के गांव ताहरपुर के रहने वाले हैं और सोशल मीडिया पर खुद को पत्रकार और समाजसेवी बताकर सक्रिय रहते थे।
सरकारी योजना के नाम पर ठगी का मामला
थाना हजरतनगर गढ़ी में योगेश कुमार नामक व्यक्ति ने मशकूर रजा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। योगेश का आरोप है कि मशकूर रजा ने उन्हें सरकारी योजना के तहत 10 लाख रुपये का लाभ दिलाने का झांसा दिया। इसके बदले उन्होंने एक हजार रुपये की मांग की। जब योगेश ने पैसे देने से इनकार किया, तो मशकूर ने तमंचा दिखाकर धमकाया और जबरन पैसे वसूल लिए। शिकायत में कहा गया है कि डर के कारण योगेश को 19,810 रुपये देने पड़े। इतना ही नहीं, मशकूर रजा ने उन्हें पुलिस में रिपोर्ट न करने की चेतावनी भी दी थी। पुलिस ने मामले की जांच के बाद मशकूर रजा को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ पहले से भी कई विवादित बयानबाजी और धमकी देने के मामले सामने आ चुके हैं।
अनुज चौधरी से विवाद के बाद आया था चर्चा में
मशकूर रजा का नाम पहली बार तब चर्चा में आया था जब उन्होंने संभल के तत्कालीन सीओ (वर्तमान एएसपी फिरोजाबाद) अनुज चौधरी को फोन पर धमकी दी थी। उस ऑडियो क्लिप में मशकूर रजा कह रहे थे, “पुलिस ने मुझे इतना मारा कि मेरा हाथ-पैर बेकार हो गया, इससे अच्छा होता गोली मार देते।” बताया जाता है कि पिछले साल संभल हिंसा के बाद मशकूर रजा अनुज चौधरी का इंटरव्यू लेना चाहते थे, लेकिन जब अधिकारी ने इनकार किया, तो दोनों के बीच फोन पर बहस हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने मशकूर पर शांति भंग की कार्रवाई की थी और उसे जेल भेजा गया था।
पुलिस ने कहा—कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी
फिरोजाबाद पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ दर्ज ठगी और रंगदारी के मामले में पर्याप्त सबूत मिले हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह भी जांच की जा रही है कि उसने सरकारी योजना के नाम पर और कितने लोगों को निशाना बनाया।