डिजिटल डेस्क- बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल चरम पर है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने पत्ते खोल चुके हैं और अब मैदान में रैलियों का दौर जारी है। एनडीए और महागठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के शीर्ष नेता लगातार रैलियों में ‘लालू के जंगलराज’ का मुद्दा उठाकर विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं, वहीं महागठबंधन के नेता इन आरोपों का जवाब देने में जुटे हैं।
महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में करेंगे प्रचार
रविवार का दिन चुनावी रैलियों के लिहाज से बेहद व्यस्त रहने वाला है। आरजेडी नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव आज विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के साथ बिहार के सीमांचल इलाकों में कई जनसभाओं को संबोधित करेंगे। दोनों नेता कटिहार, किशनगंज और अररिया जिलों में संयुक्त रूप से महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे।
तेजस्वी-मुकेश की आज संयुक्त सभाएं
चुनावी कार्यक्रम के अनुसार, तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी रविवार सुबह 11 बजे आजमनगर, कटिहार के थाना मैदान में पहली जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद दोनों नेता अलता खेल मैदान, अलता, कोचाधामन, किशनगंज में रैली करेंगे। दिन के दूसरे हिस्से में उनकी सभाएं अररिया जिले के उमानाथ राय उच्च विद्यालय, उदाहाट और फिर नरपतगंज हाई स्कूल मैदान में आयोजित होंगी। महागठबंधन की कोशिश है कि सीमांचल के मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को साधा जाए, जहां वीआईपी और आरजेडी दोनों दलों का अच्छा प्रभाव माना जाता है।
एनडीए का पलटवार—“महागठबंधन नहीं जीत पाएगा चुनाव”
इधर, एनडीए नेताओं ने महागठबंधन पर हमला तेज कर दिया है। राज्य मंत्री संजय सरावगी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने पर तंज कसते हुए कहा, “महागठबंधन का चेहरा कौन है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वे किसी को भी चेहरा बना लें, जनता उन्हें फिर नकार देगी।” उन्होंने आगे कहा कि एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरा है और जनता विकास के नाम पर फिर एनडीए को चुनने जा रही है।