डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से नाराज अभ्यर्थियों ने शनिवार सुबह बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थियों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर नारेबाजी की और सरकार से सुप्रीम कोर्ट में मामले की पैरवी करने की मांग की। घटना को देखते हुए मंत्री आवास के आसपास भारी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात थे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार की लचर पैरवी के कारण उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। कई अभ्यर्थी पिछले पांच वर्षों से रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री से मिलने की मांग पर अड़े अभ्यर्थियों को पुलिस ने बाद में बस से इको गार्डन धरना स्थल पर ले जाया।
अभ्यर्थियों का आरोप- सरकार जानबूझकर लटका रही भर्ती
आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले को सरकार जानबूझकर लटका रही है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन सरकार हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश को लागू करने में नाकाम रही। अभ्यर्थियों ने बताया कि यह भर्ती प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी। परिणाम आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी से वंचित किया गया। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया के बाद 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के हित में फैसला सुनाया और नियमों के अनुसार नियुक्ति देने का आदेश दिया। लेकिन सरकार इस मामले में हीला-हवाली करती रही।
28 अक्टूबर को है अगली सुनवाई
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे एक अभ्यर्थी ने कहा कि 28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता भेजे और अभ्यर्थियों के पक्ष में सुनवाई कर न्याय दिलाए। उन्होंने बताया कि पिछली 22 तारीख को सुनवाई नहीं हो सकी, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा है।