डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होता जा रहा है। एक ओर जहां एनडीए महागठबंधन पर निशाना साध रही है, वहीं महागठबंधन भी एनडीए के खिलाफ हमलावर है। इसी बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक नया राजनीतिक मुद्दा खड़ा कर दिया है। उन्होंने महागठबंधन और खासकर राजद पर मुस्लिम मुख्यमंत्री को लेकर तंज कसा है, जिससे राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर कही ये बात
चिराग पासवान ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “2005 में मेरे नेता और पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी, लेकिन तब भी राजद तैयार नहीं था। आज 2025 में भी न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है और न उपमुख्यमंत्री पद देने को। अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?” चिराग की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। फेसबुक पर उनके पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में नई हलचल मच गई है। लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है, जिसमें कुछ लोगों ने चिराग के बयान का समर्थन किया, तो कुछ ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया।
6 नंवबर को होगा पहले चरण का मतदान
राज्य की राजनीति में यह बयान उस वक्त आया है जब पहले चरण के मतदान में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। हाल ही में महागठबंधन द्वारा सीट शेयरिंग और मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा के बाद से ही यह सवाल उठ रहे थे कि क्या अल्पसंख्यक समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा या नहीं। बताया जा रहा है कि महागठबंधन की ओर से करीब 14% आबादी वाले समुदाय को सीएम पद देने और लगभग ढाई प्रतिशत वाले निषाद समाज को डिप्टी सीएम पद देने की बात कही गई थी, जबकि लगभग 18% अल्पसंख्यक समुदाय के लिए किसी ठोस घोषणा की कमी पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे।