सुशांत सिंह राजपूत की क्लोजर रिपोर्ट को परिवार ने बताया अधूरा, दायर करेंगे याचिका

KNEWS DESK – अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस एक बार फिर सुर्खियों में है। दिवंगत एक्टर के परिवार और उनके वकील ने सीबीआई द्वारा दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। परिवार का कहना है कि जांच अधूरी है और सच को सामने लाने के लिए वे अब अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने मार्च 2025 में इस केस से जुड़ी दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थीं, जिनमें रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को क्लीन चिट दी गई थी। एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा था कि रिया या उनके परिवार के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं—न तो जबरन कैद, न मानसिक उत्पीड़न, और न ही आर्थिक शोषण का मामला साबित हुआ।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि सुशांत ने रिया को अपने परिवार का हिस्सा माना था और उनके बीच किसी तरह का टकराव उस स्तर का नहीं था जिससे आत्महत्या की स्थिति बनती।

हालांकि, सुशांत के परिवार और उनके वकील वरुण सिंह का कहना है कि जांच अधूरी और सतही रही है। वकील वरुण सिंह ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने महत्वपूर्ण सबूतों जैसे चैट रिकॉर्ड, तकनीकी डेटा, गवाहों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट्स को कोर्ट में पेश नहीं किया। उन्होंने कहा, “अगर सीबीआई ईमानदारी से जांच करती, तो सच बहुत पहले सामने आ जाता। यह रिपोर्ट सिर्फ एक औपचारिकता लगती है।”

अब परिवार ने इस क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देने के लिए विरोध याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है।

क्या कहती है सीबीआई की रिपोर्ट?

सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि जब 14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत अपने बांद्रा स्थित फ्लैट में मृत पाए गए, उस वक्त उनके साथ कोई भी आरोपी मौजूद नहीं था। रिया चक्रवर्ती और उनका भाई शोविक 8 जून को ही घर छोड़ चुके थे और उसके बाद उन्होंने सुशांत से कोई संपर्क नहीं किया। रिपोर्ट के मुताबिक, रिया ने न तो कोई फोन कॉल किया और न ही कोई संदेश भेजा। वहीं, शोविक ने 10 जून को व्हाट्सऐप पर एक संदेश जरूर भेजा था।

रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि सुशांत की बहन मीतू सिंह 8 से 12 जून तक उनके साथ थीं। यानी 8 से 14 जून के बीच रिया या उनके परिवार के किसी सदस्य से सुशांत का कोई संपर्क नहीं था।

परिवार क्यों कर रहा है आपत्ति?

परिवार का कहना है कि जांच में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को नज़रअंदाज़ किया गया है। उनका आरोप है कि सुशांत की मानसिक स्थिति, आर्थिक लेन-देन और उस अवधि की मेडिकल रिपोर्ट्स की बारीकी से जांच नहीं की गई। वकील वरुण सिंह ने कहा, “सीबीआई को उन सभी पहलुओं पर दोबारा गौर करना चाहिए, जो इस मामले में अब तक अनुत्तरित हैं।”