चारधाम यात्रा 2025: मां गंगा और मां यमुना के कपाट शीतकाल के लिए बंद, अब मुखबा और खरसाली में होंगे दर्शन

KNEWS DESK- उत्तराखंड की अत्यंत पावन चारधाम यात्रा अब अपने समापन की ओर बढ़ रही है। मंगलवार, 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम में मां गंगा के कपाट सुबह 11:30 बजे विधिवत मंत्रोच्चार के साथ बंद कर दिए गए, जिससे धाम एक बार फिर “जय मां गंगे” के नारों से गूंज उठा। इसी के साथ मां गंगा की उत्सव डोली को उनके शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा गांव के लिए रवाना किया गया।

गंगोत्री के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकालीन कालखंड में श्रद्धालु मुखबा गांव में मां गंगा की पूजा-अर्चना कर सकेंगे। मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया और परंपरा के अनुसार कपाट बंद करते समय विशेष पूजा की गई।

भाई दूज (23 अक्टूबर) के दिन, दोपहर 12:30 बजे मां यमुना मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति को खरसाली गांव ले जाया जाएगा, जहां श्रद्धालु शीतकालीन दर्शन कर सकेंगे। स्थानीय कारोबारियों आशीष सेमवाल और विनय उनियाल का कहना है कि सरकार अगर चाहे तो गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन स्थलों को भी सर्दियों में पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।

मुखबा और खरसाली गांवों तक सर्दियों में भी यात्रा संभव है, जिससे श्रद्धालु गंगा और यमुना की पूजा करने के साथ-साथ हिमालय की बर्फबारी का आनंद भी ले सकेंगे। चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या ने नया कीर्तिमान रच दिया है- गंगोत्री धाम: 7,57,762 श्रद्धालु, यमुनोत्री धाम: 6,44,366 श्रद्धालु, कुल: 14,02,128 तीर्थयात्री।

21 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा में अब तक 49.30 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। अनुमान है कि तीनों प्रमुख धामों के कपाट बंद होते-होते यह आंकड़ा 50 लाख पार कर जाएगा, जो कि उत्तराखंड पर्यटन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है