KNEWS DESK- उत्तराखंड की विख्यात चारधाम यात्रा अब अपने समापन की ओर बढ़ रही है। श्रद्धा और आस्था से परिपूर्ण इस यात्रा के अंतर्गत हर साल लाखों तीर्थयात्री भगवान के दर्शन के लिए हिमालय की कठिन वादियों का रुख करते हैं। इस वर्ष भी यात्रा ने रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं की संख्या देखी, वहीं प्राकृतिक आपदाओं ने भी कुछ समय के लिए श्रद्धालुओं की राह में रुकावटें डालीं।
चारधाम यात्रा के अंतर्गत चारों पवित्र धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जा रहे हैं। कपाट बंद होने की तिथियां इस प्रकार हैं-
गंगोत्री धाम – 22 अक्टूबर, सुबह 11:36 बजे
केदारनाथ धाम – 23 अक्टूबर, सुबह 8:30 बजे
यमुनोत्री धाम – 23 अक्टूबर, दोपहर 12:30 बजे
बद्रीनाथ धाम – 25 नवंबर, दोपहर 2:56 बजे
इन तिथियों के बाद सभी धामों में शीतकालीन पूजन उनके गद्दीस्थलों पर किया जाएगा।
2025 की चारधाम यात्रा में अब तक 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसमें सबसे अधिक संख्या केदारनाथ धाम पहुंचने वालों की रही, जबकि बद्रीनाथ धाम भी पीछे नहीं रहा।
यमुनोत्री धाम
कुल श्रद्धालु: 6,44,366
केवल अक्टूबर के पहले 21 दिनों में: 40,227
गंगोत्री धाम
कुल श्रद्धालु: 7,57,762
अक्टूबर के 21 दिनों में: 53,949
हेमकुंड साहिब
कुल दर्शनार्थी: लगभग 2.75 लाख
कपाट पहले ही बंद हो चुके हैं।
इस बार यात्रा के दौरान उत्तरकाशी ज़िले में प्राकृतिक आपदाएं आईं। धराली क्षेत्र में भारी आपदा के चलते गंगोत्री धाम की यात्रा कुछ समय के लिए बंद करनी पड़ी। यमुनोत्री हाईवे पर श्यानाचट्टी के पास यमुना नदी पर बनी झील ने रास्ता डुबो दिया, जिससे यमुनोत्री यात्रा भी प्रभावित हुई।
लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था अडिग रही। जैसे ही मार्ग खुले, तीर्थयात्रियों का सैलाब फिर से उमड़ पड़ा।