INS विक्रांत से पीएम मोदी का बड़ा संदेश, नौसैनिकों संग दिवाली, पाकिस्तान को चेतावनी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर ज़ोर

KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष की दिवाली भारत के वीर नौसैनिकों के साथ INS विक्रांत पर मनाई। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने ना केवल नौसेना के जवानों को संबोधित किया, बल्कि पाकिस्तान, माओवाद और भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं पर भी कड़े और आत्मविश्वास से भरे संदेश दिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरे एक ओर समंदर है और दूसरी ओर मेरे वीर सिपाहियों का अथाह सामर्थ्य। समंदर के पानी पर सूर्य की किरणों की ये चमक, मानो वीर जवानों द्वारा जलाए गए दिवाली के दीये हैं।”

INS विक्रांत पर दिवाली मनाते हुए पीएम ने इसे अपने लिए एक “गर्व और सौभाग्य” का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक जहाज नहीं, बल्कि जब इसमें भारतीय नौसेना के जवान सवार होते हैं, तो यह जांबाज़ी की मिसाल बन जाता है।

प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की तीनों सेनाओं ने मिलकर पाकिस्तान को रिकॉर्ड समय में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा “जिसका नाम ही दुश्मन के साहस का अंत कर दे, वो है INS विक्रांत।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि विक्रांत आज ‘मेड इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने बताया कि आज औसतन हर 40 दिन में एक नया स्वदेशी युद्धपोत या पनडुब्बी नौसेना में शामिल हो रही है, और ब्रह्मोस व आकाश जैसी मिसाइलों ने भी अपनी ताकत सिद्ध की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश की रक्षा निर्माण क्षमता में आए उभार पर कहा “पिछले 10 वर्षों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 30 गुना बढ़ा है। इसके पीछे रक्षा स्टार्टअप्स और स्वदेशी रक्षा इकाइयों की बड़ी भूमिका है।” उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भरता केवल एक विचार नहीं, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति का भविष्य है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश के 125 जिले माओवादी हिंसा से ग्रसित थे, लेकिन आज ये संख्या घटकर मात्र 11 रह गई है। इनमें भी सिर्फ 3 जिले ऐसे हैं जहां अभी भी प्रभाव बचा हुआ है। उन्होंने कहा “आज 100 से ज्यादा जिले माओवाद से मुक्त होकर खुली हवा में सांस ले रहे हैं। यह एक नई, आज़ाद और गर्वित दिवाली है।”