डिजिटल डेस्क- जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में चुनावी विवाद को लेकर शनिवार को छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। विवाद उस वक्त बढ़ गया जब छात्र बसंत कुंज थाने तक पैदल मार्च करने निकले। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए जेएनयू के वेस्ट गेट पर बैरिकेड्स लगा दिए, लेकिन छात्रों ने विरोध जारी रखा। पुलिस के मुताबिक, बार-बार समझाने के बावजूद छात्रों ने जबरन बैरिकेड्स तोड़ दिए और नेल्सन मंडेला मार्ग की ओर बढ़ गए। इससे इलाके में कुछ देर के लिए यातायात बाधित हो गया। पुलिस ने बताया कि छात्रों के समूह ने इस दौरान पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जब स्थिति बिगड़ती दिखी तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जेएनयू छात्रसंघ के पदाधिकारियों सहित कुल 28 छात्रों को हिरासत में लिया। इनमें छात्रसंघ अध्यक्ष नितीश कुमार, उपाध्यक्ष मनीषा और महासचिव मुन्तेहा फातिमा भी शामिल हैं। सभी को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने मेडिकल जांच करवाकर उन्हें छोड़ दिया।
सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिस से बदसलूकी करने का लगा आरोप
हालांकि बाद में पुलिस ने इस मामले में छह छात्रों के खिलाफ औपचारिक रूप से एफआईआर दर्ज की है। जिन छात्रों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, उनमें जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष नितीश कुमार (26), उपाध्यक्ष मनीषा (28), महासचिव मुन्तेहा फातिमा (28), छात्र मणिकांत पटेल (27), ब्रिती कर (27) और सौर्य मजूमदार (28) शामिल हैं। इन पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, सड़क जाम करने और पुलिस के साथ बदसलूकी करने के आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया है। वहीं, बाकी 22 छात्रों को धारा 65 दिल्ली पुलिस अधिनियम के तहत हिरासत में लेकर छोड़ दिया गया।
छात्रों ने लगाया पुलिस पर आरोप
इस बीच, जेएनयू छात्रसंघ ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने छात्रों पर बेवजह बल प्रयोग किया और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की गई। छात्रसंघ अध्यक्ष नितीश कुमार ने कहा कि, “हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रख रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें जबरन रोका और कई छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया।”