बिहार चुनाव 2025: INDIA गठबंधन में घमासान, NDA ने संभाला मोर्चा

KNEWS DESK- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में है, लेकिन जहां NDA गठबंधन अपनी तैयारियों और तालमेल को अंतिम रूप दे चुका है, वहीं INDIA गठबंधन (महागठबंधन) में अभी भी भारी खींचतान और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सीटों के बंटवारे को लेकर गहराता विवाद अब खुलकर सामने आ गया है, जिससे विपक्षी गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

महागठबंधन को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने खुद को गठबंधन से अलग करते हुए बिहार की 6 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इससे यह स्पष्ट हो गया कि INDIA गठबंधन के भीतर सहयोगियों के बीच समन्वय की भारी कमी है। JMM के अलग होने से गठबंधन के नेताओं की “नए साथियों को जोड़ने” की रणनीति को गहरा आघात लगा है।

गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने उम्मीदवारों के टिकट वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन यह काम बिना समन्वय के होता दिख रहा है। कई सीटों पर RJD ने अपने सहयोगियों के संभावित उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने पहले 48 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी और अब 5 और नामों का ऐलान किया है। खासकर किशनगंज सीट पर विवाद गहराया है, जहां कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक को हटाकर AIMIM से आए नेता को टिकट दे दिया। इस पर टिकट बिक्री के आरोप भी लग रहे हैं, हालांकि कांग्रेस नेतृत्व इसे “जल्द सुलझने वाला मुद्दा” बता रहा है।

अंदरूनी कलह इस हद तक बढ़ चुकी है कि कम से कम 8 सीटों पर महागठबंधन के दो-दो उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें तीन सीटों पर RJD और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की आशंका है। इससे साफ है कि चुनाव में गठबंधन का फायदा मिलने के बजाय वोटों का विभाजन हो सकता है, जिसका सीधा लाभ NDA को मिलेगा।

NDA गठबंधन, जिसमें भाजपा, जद(यू) और लोजपा (रामविलास) शामिल हैं, ने ज्यादातर मतभेद सुलझा लिए हैं और चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों की सूची भी लगभग साफ हो चुकी है। हालांकि, कुछ सीटों पर बदलाव और तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं।

यहां जद(यू) ने पहले सबा ज़फर को टिकट दिया था, लेकिन बाद में पूर्व भाजपा नेता साबिर अली को मैदान में उतार दिया गया। साबिर अली को 2014 में पीएम मोदी की प्रशंसा करने के चलते जद(यू) से निकाला गया था। बाद में वह भाजपा में भी शामिल हुए थे। अब वही नेता फिर जद(यू) के टिकट पर मैदान में हैं।

यहां लोजपा (रामविलास) की उम्मीदवार सीमा सिंह का नामांकन तकनीकी खामी के चलते खारिज हो गया। अब यह सीट पूर्व मंत्री जितेंद्र कुमार राय (राजद) के पक्ष में जाती दिख रही है। पासवान गुट ने इस पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग को पुनर्विचार के लिए ज्ञापन दिया है।