मथुरा: 54 साल बाद धनतेरस पर खुलेगा बांके बिहारी मंदिर का तहखाना, 160 साल पुराने खजाने से उठेगा पर्दा

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का प्रसिद्ध तहखाना आखिरकार 54 साल बाद धनतेरस के शुभ अवसर पर खुलने जा रहा है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित 11 सदस्यीय कमेटी की उपस्थिति में उठाया जा रहा है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मंदिर के प्रतिनिधि तक शामिल हैं। इस ऐतिहासिक प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

मंदिर प्रशासन और सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति ने तहखाना खोलने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह तहखाना 1971 में आखिरी बार खोला गया था, जिसके बाद इसे फिर सील कर दिया गया था। इस दौरान यह भी कोशिश की गई कि 1990 में तहखाना फिर से खोला जाए, लेकिन कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो पाया।

अब 2025 की धनतेरस को यह तहखाना एक बार फिर खोला जा रहा है, जिससे इसमें मौजूद संपत्ति की वास्तविकता और मूल्य का पता लगाया जा सके।

ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि तहखाने से 160 साल पुराना खजाना निकल सकता है, जिसमें सोना, चांदी, हीरे-जवाहरात और बहुमूल्य वस्त्रों का संग्रह हो सकता है। साथ ही तहखाने में रखी हर वस्तु की लिस्टिंग और मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि मंदिर की संपत्ति का स्पष्ट रिकॉर्ड तैयार हो सके।

बांके बिहारी मंदिर के तहखाने को लेकर कई लोक मान्यताएं और रहस्य भी जुड़े हुए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस तहखाने की रक्षा स्वयं शेषनाग करते हैं, और इसी कारण यह वर्षों से बंद और सुरक्षित बना रहा।

तहखाना खोलने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी, ताकि कोई भ्रम या विवाद न हो। इससे यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि खजाने में किसी भी तरह की छेड़छाड़ न हो और हर वस्तु का सही तरीके से दस्तावेज तैयार हो।

महत्वपूर्ण बात यह है कि तहखाना खोलने के बाद उसे फिर से बंद कर दिया जाएगा। लेकिन इस बार उसके भीतर मौजूद हर चीज़ का दस्तावेजी रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।