डिजिटल डेस्क- छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार की बड़ी सफलता सामने आई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की मौजूदगी में 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। सरेंडर करने वालों में बड़ी संख्या में महिला नक्सली भी शामिल हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण बताया जा रहा है।
नक्सलियों को तीन बसों द्वारा लाया गया कार्यक्रम स्थल पर
कार्यक्रम जगदलपुर में सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित किया गया। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पुलिस बल ने तीन बसों के जरिए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया। इस दौरान मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, बस्तर आईजी सुंदरराज पी और कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मंच पर मौजूद थे। सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को संविधान की प्रति और गुलाब का फूल देकर मुख्यधारा में स्वागत किया गया। सरेंडर करने वालों में सबसे बड़ा नाम नक्सली संगठन के प्रवक्ता और सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) सतीश उर्फ टी. वासुदेव राव उर्फ रूपेश का है। रूपेश नक्सल संगठन की माड़ डिवीजन कमेटी में सक्रिय था और उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई और लगातार बढ़ते दबाव के कारण उसने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।
जो आज लौटे हैं वे भविष्य का करेंगे निर्माण- सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार विकास और संवाद के रास्ते पर विश्वास करती है। उन्होंने कहा, “हिंसा का कोई समाधान नहीं है। जो आज लौटे हैं, वे प्रदेश के भविष्य निर्माण में भागीदार बनेंगे।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत हर संभव सहायता दी जाएगी, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
शांति की दिशा में बड़ा कदम- डिप्टी सीएम विजय शर्मा
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह आत्मसमर्पण बस्तर में शांति स्थापना की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा कि लगातार प्रयासों से नक्सलियों का जनाधार कमजोर हुआ है और अब वे हिंसा की राह छोड़कर विकास की ओर लौट रहे हैं।