KNEWS DESK- अयोध्या एक बार फिर इतिहास के पन्नों में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ने को तैयार है। दीपों की उजास से नहाई सरयू नगरी इस बार भव्यता, भक्ति और भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का अद्वितीय संगम बनने जा रही है। 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे तीन दिवसीय दीपोत्सव 2025 में अयोध्या न केवल रामभक्ति में डूबी होगी, बल्कि तकनीक और परंपरा का ऐसा अनूठा संगम भी देखने को मिलेगा, जो देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय बन जाएगा।
19 अक्टूबर को छोटी दीपावली पर 28 लाख दीपों से राम की पैड़ी और सरयू घाटों को आलोकित कर एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। हर दीपक मानो रामलला के स्वागत में प्रज्वलित एक आमंत्रण पत्र है। रामचरितमानस की पंक्तियाँ – “अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भई सकल सोभा कै खानी…” – इस दृश्य में चरितार्थ होती प्रतीत होंगी।
इस बार का दीपोत्सव केवल दीपों तक सीमित नहीं रहेगा। रामकथा के विभिन्न प्रसंगों को लेजर शो, ड्रोन शो और प्रोजेक्शन मैपिंग के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। ऐसा लगेगा मानो स्वयं आकाश श्रीराम के जीवन की गाथा सुना रहा हो। इन तकनीकी प्रस्तुतियों के माध्यम से राम की गाथा को आधुनिकता का स्पर्श मिलेगा, जिससे नई पीढ़ी भी जुड़ सके।
इस वर्ष दीपोत्सव का एक और विशेष आकर्षण है पांच देशों के 90 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली अंतरराष्ट्रीय रामलीला।
रूस: श्रीराम-सीता स्वयंवर का अद्भुत मंचन
थाईलैंड: राम-रावण युद्ध के प्रमुख दृश्य
इंडोनेशिया: लंका दहन और अयोध्या वापसी
नेपाल: लक्ष्मण पर शक्ति प्रयोग की नाटकीय प्रस्तुति
श्रीलंका: रावण की भूमि से रामेश्वर यात्रा का चित्रण
इन प्रस्तुतियों में विभिन्न भाषाएं और सांस्कृतिक शैलियां होंगी, लेकिन हर मंच पर गूंजेगा एक ही भाव – “जय श्रीराम”।