डिजिटल डेस्क- दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट पर आगामी चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। पार्टी ने युवा लोक गायिका मैथिली ठाकुर को टिकट दिया है, लेकिन इस निर्णय ने स्थानीय नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के बीच संपर्क और संतुलन की कमी को उजागर कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, मैथिली ठाकुर के पार्टी में शामिल होने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें टिकट थमा दिया गया। इस फैसले के बाद अलीनगर विधानसभा क्षेत्र के 7 मंडल अध्यक्ष उनके विरोध में खड़े हो गए और संजय सिंह का समर्थन किया। विरोध जताने वाले मंडल अध्यक्षों में शामिल हैं— तारडीह पूर्वी के पुरुषोत्तम झा, तारडीह पश्चिमी के पंकज कंठ, घनश्यामपुर पूर्वी के सुधीर सिंह, घनश्यामपुर पश्चिमी के चंदन कुमार ठाकुर, नगर मंडल के रणजीत कुमार मिश्रा, अलीनगर पूर्वी के लाल मुखिया और अलीनगर पश्चिमी के गंगा प्रसाद यादव।
स्थानीय नेताओं के साथ स्थानीय मतदाताओं में भी भारी नाराजगी
सिर्फ पार्टी पदाधिकारी ही नहीं, बल्कि स्थानीय मतदाताओं और कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी है। उनका कहना है कि बाहरी उम्मीदवार उन्हें स्वीकार्य नहीं हैं और क्षेत्र के लोगों को लोकल, जवाबदेह और सक्रिय प्रतिनिधि चाहिए। कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व को चेतावनी दी है कि यदि बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिया गया, तो वे समर्थन वापस ले सकते हैं और सामूहिक रूप से पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि पिछले पाँच सालों में उनके प्रतिनिधियों ने क्षेत्र के विकास के लिए कोई ठोस काम नहीं किया। पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव पर भी आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लोगों से संपर्क नहीं रखा और कोई परियोजना पूरी नहीं की। इस वजह से जनता अब ठगे जाने का अनुभव दोहराना नहीं चाहती।
बाहरी भगाओ, अलीनगर बचाओ जैसे लगा रहे नारे
अलीनगर में बीजेपी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता ‘बाहरी भगाओ, अलीनगर बचाओ’ और ‘बाहरी उम्मीदवार हमें बर्दाश्त नहीं’ जैसे नारे लगा रहे हैं। पार्टी समर्थक चाहते हैं कि उम्मीदवार क्षेत्रीय होने चाहिए और स्थानीय जरूरतों और समस्याओं को समझते हुए काम करें। हालांकि, पार्टी नेतृत्व अब तक इस विरोध पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। लेकिन स्थिति स्पष्ट है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं और मंडल अध्यक्षों का दबाव भाजपा नेतृत्व के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।