डिजिटल डेस्क- लखनऊ के इंदिरा नगर थाना क्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर माता-पिता को सोचने पर मजबूर कर दिया है। 13 साल का विवेक, जो अपने परिवार के साथ सीतापुर से बेहतर जिंदगी की तलाश में लखनऊ आया था, मोबाइल गेम ‘फ्री फायर’ की लत का शिकार हो गया। बुधवार को वह गेम खेलते-खेलते बेहोश हो गया, और अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विवेक का परिवार महज आठ दिन पहले ही परमेश्वर एनक्लेव कॉलोनी में किराए के मकान में रहने आया था। तकरोही इलाके की एक परचून की दुकान पर काम करने वाला विवेक मेहनती और चुपचाप रहने वाला बच्चा था। उसकी बहन चांदनी बताती हैं, “वह दिनभर काम करता था और रात में देर तक फ्री फायर खेलता था। अगर कोई रोकता, तो बहुत गुस्सा हो जाता।”
वो दिन जिसने सब कुछ बदल दिया
बुधवार को विवेक की छुट्टी थी। घर पर ही बैठकर वह अपने मोबाइल में फ्री फायर खेल रहा था। उसकी बड़ी बहन अंजू घर के काम में व्यस्त थी। विवेक ने कहा, “दीदी, तुम काम कर लो, मैं गेम खेलता हूं।” जब अंजू लौटी तो उसने देखा कि विवेक बिस्तर पर अचेत पड़ा है, जबकि मोबाइल स्क्रीन पर गेम अब भी चल रहा था। पहले उसने सोचा कि वह गेम खेलते-खेलते सो गया है। उसने मोबाइल चार्ज पर लगाया और उसे चादर ओढ़ा दी। लेकिन जब काफी देर तक कोई हलचल नहीं हुई, तो उसके डर के मारे हाथ कांपने लगे। परिवार उसे लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने कहा — “विवेक अब इस दुनिया में नहीं रहा।”
परिवार में पसरा मातम
अंजू की आंखों में अब सिर्फ पछतावे के आंसू हैं। वह बार-बार कहती है, “काश मैंने उसे गेम खेलने से रोक दिया होता।” मकान मालिक आकाश ने बताया कि “यह परिवार कुछ दिन पहले ही आया था, किसी ने नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी इतना बड़ा हादसा हो जाएगा।”
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
इंदिरा नगर थाना प्रभारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का खुलासा हो सकेगा। परिवार ने फिलहाल कोई तहरीर नहीं दी है, लेकिन उनके घर में सन्नाटा और सदमा पसरा हुआ है।
हर परिवार के लिए सबक
विवेक की मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि हर माता-पिता के लिए चेतावनी है। मोबाइल गेम की यह लत धीरे-धीरे बच्चों की जिंदगी निगल रही है। विवेक की हंसी, उसका सपना, सब कुछ एक पल में खत्म हो गया। अब उसके घर में सिर्फ खामोशी गूंज रही है और एक सवाल- क्या हम अपने बच्चों को इस लत से बचा पाएंगे?