KNEWS DESK- हर साल की तरह इस बार भी कार्तिक मास में दीपों का महापर्व दीपावली पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन खास बात यह है कि इस बार यह पर्व पांच नहीं, पूरे छह दिन तक मनाया जाएगा। धनतेरस से भाई दूज तक चलने वाला यह पर्व शुभ तिथियों और पर्वों की विशेष संगति के कारण एक दिन और बढ़ गया है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार तिथियों का योग ऐसा बन रहा है कि धनतेरस की शुरुआत 18 अक्तूबर से हो रही है, और भाई दूज का समापन 23 अक्तूबर को होगा। इस तरह दीपोत्सव पर्व का समय छह दिन तक फैला रहेगा।
| तारीख | पर्व | विशेषता |
|---|---|---|
| 18 अक्तूबर | धनतेरस | आयुर्वेद देवता धन्वंतरि, लक्ष्मी और कुबेर की पूजा। सोना-चांदी और बर्तन खरीदने का विशेष दिन। |
| 19 अक्तूबर | रूप चौदस / नरक चतुर्दशी / हनुमान पूजा | सौंदर्य और स्वास्थ्य की कामना से जुड़ा दिन। वाहन, गहने व इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं खरीदना शुभ। |
| 20 अक्तूबर | दीपावली (मुख्य दिन) | मां लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा। व्यापार और समृद्धि की कामना का दिन। |
| 21 अक्तूबर | भौमवती अमावस्या (दान-श्राद्ध) | विशेष पुण्य लाभ के लिए दान करने का उत्तम योग। |
| 22 अक्तूबर | गोवर्धन पूजा / अन्नकूट | भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन उठाने की स्मृति में यह पर्व। |
| 23 अक्तूबर | भाई दूज | भाई-बहन के स्नेह का पर्व। बहनें भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। |
धनतेरस (त्रयोदशी): 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे से शुरू, 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे तक।
रूप चौदस (चतुर्दशी): 19 अक्टूबर 1:51 बजे से, 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे तक।
दीपावली (अमावस्या): 20 अक्टूबर 3:44 बजे से, 21 अक्टूबर 5:54 बजे तक।
गोवर्धन पूजा (प्रतिपदा): 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे से, 22 अक्टूबर रात 8:16 बजे तक।
भाई दूज (द्वितीया): 22 अक्टूबर रात 8:16 बजे से, 23 अक्टूबर सुबह 10:46 बजे तक।