KNEWS DESK- राजस्थान के जैसलमेर जिले में मंगलवार का दिन मौत का मंजर लेकर आया, जब जोधपुर-जैसलमेर हाईवे पर चलती एक बस में भीषण आग लग गई। यह हादसा आर्मी स्टेशन के पास हुआ, जहां एक स्लीपर एसी बस में अचानक आग भड़क उठी और इस खौफनाक घटना में 20 यात्रियों की मौके पर ही जलकर दर्दनाक मौत हो गई।
जांच में सामने आया है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। बस के अंदर पीछे की ओर बिजली की वायरिंग में गड़बड़ी के चलते चिंगारी उठी, जिसने देखते ही देखते पूरी बस को आग की लपटों में घेर लिया। यह बस के.के. ट्रैवल्स की थी, जिसे महज पांच दिन पहले ही इस रूट पर चलाया गया था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि यह बस असल में नॉर्मल बस थी, जिसे बिना पर्याप्त सेफ्टी चेक और संसाधनों के एसी स्लीपर बस में कन्वर्ट किया गया था। अंदर फाइबर की बॉडी, मोटे परदे और कांच की मजबूत खिड़कियां थीं, जिससे आग तेजी से फैलती चली गई और यात्रियों के पास बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा।
बस का एक ही गेट था, जो सामने की तरफ था। आग लगने के बाद वायरिंग पिघलने से गेट लॉक हो गया, जिससे यात्री बाहर नहीं निकल सके। गैलरी संकरी थी, और बस पूरी तरह यात्रियों से भरी हुई थी — यहां तक कि गैलरी में भी यात्री बैठे थे।खिड़कियों के शीशे इतने मजबूत थे कि उन्हें तोड़ा नहीं जा सका।
यात्रियों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें बाहर सुनाई देती रहीं, लेकिन लपटों की भीषणता के कारण कोई भी उन्हें बचा नहीं सका।
पास की शराब दुकान के संचालक कस्तूर सिंह को जैसे ही आग की खबर मिली, वह तुरंत मौके पर पहुंचे। हालांकि, लपटों की विकरालता इतनी अधिक थी कि वे पास तक नहीं जा सके। उन्होंने सेना के क्षेत्र में खड़े एक पानी के टैंकर को देखा और गेट तोड़कर उस टैंकर को लेकर आए। आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटनास्थल जैसलमेर से सिर्फ 9 किलोमीटर दूर था, बावजूद इसके फायर ब्रिगेड को पहुंचने में 45 मिनट लग गए। सेना के जवानों ने अंततः जेसीबी मशीन की मदद से बस का गेट तोड़ा, तब जाकर रेस्क्यू शुरू हो पाया।