KNEWS DESK- संभल जिले में मीट कारोबार से जुड़े दो बड़े नाम—इमरान और इरफान—के खिलाफ आयकर विभाग ने सोमवार सुबह तड़के चार बजे से बड़ी कार्रवाई शुरू की, जो देर रात तक जारी रही। इस अब तक की सबसे बड़ी रेड में आयकर विभाग के 100 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे, जिन्होंने मीट फैक्ट्रियों, मकानों, रिश्तेदारों और कर्मचारियों के घरों समेत 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।
लखनऊ, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से पहुंची चार टीमों ने एक साथ कार्रवाई की कमान संभाली। पहली टीम इमरान-इरफान की संभल स्थित मीट फैक्टरी पहुंची, वहीं बाकी टीमों ने उनके आवास, रिश्तेदारों और कर्मचारियों के घरों में दस्तावेजों की तलाश शुरू की। टीमों के पास पूरी प्लानिंग और सटीक इनपुट थे, जिसके आधार पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
कार्रवाई के दौरान सभी प्रतिष्ठानों के दरवाजे भीतर से बंद कर दिए गए और अंदर मौजूद किसी भी व्यक्ति को बाहर नहीं जाने दिया गया। फैक्टरी के अंदर काम कर रहे 100 से अधिक मजदूर और कर्मचारी भी भीतर ही मौजूद रहे, जिन्हें जांच पूरी होने के बाद ही बाहर आने दिया जाएगा।
करीब 20 साल पहले हड्डी के कारोबार से शुरू हुआ यह सफर, अब सैकड़ों करोड़ रुपये के मीट व्यवसाय में बदल चुका है। संभल के अलावा इनकी फैक्ट्रियां हापुड़, बरेली, कैराना समेत अन्य जिलों में भी संचालित हो रही हैं।
इनकी कंपनी “इंडिया फ्रोजन फूड” के ठिकानों पर दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, बरेली, मुरादाबाद, बुलंदशहर तक कार्रवाई फैली हुई है।
मीट फैक्टरी से खुदरा दुकानों तक सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को भी पूछताछ में शामिल किया गया। फैक्टरी से हर डीलर को बिल जारी किया जाता है, जिससे आय और बिक्री का आंकड़ा स्पष्ट हो सके। इसके जरिए कच्चे-बिल और टैक्स चोरी के एंगल से भी जांच की जा रही है।
टीमों ने चमन सराय क्षेत्र में रिश्तेदारों और कर्मचारियों के घरों में भी छानबीन की। सूत्रों के मुताबिक, कुछ अहम दस्तावेज और डिजिटल डेटा इन स्थानों से मिले हैं, हालांकि आयकर विभाग की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
रेड की खबर सामने आने के साथ ही सोशल मीडिया पर एक ‘डायरी’ को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। दावा किया जा रहा है कि उस डायरी में कारोबार से जुड़े लेन-देन और संपर्कों की जानकारी हो सकती है, हालांकि इसकी पुष्टि आयकर विभाग ने नहीं की है।
सूत्रों का कहना है कि दस्तावेजों की जांच और डिजिटल डेटा एनालिसिस में वक्त लग सकता है। ऐसे में यह छापेमारी कई दिन तक चल सकती है। इससे पहले जिले में कई बार रेड हुई हैं, लेकिन इस स्तर की तैयारी और इतने व्यापक दायरे वाली कार्रवाई पहली बार देखी गई है।