KNEWS DESK- सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। इस याचिका में वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने उनके खिलाफ लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तारी को चुनौती दी है।
सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ के समक्ष होगी। यह याचिका 2 अक्टूबर को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत हेबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) के रूप में दाखिल की गई थी, जिसमें गिरफ्तारी को गैरकानूनी और मनमाना बताया गया है।
क्या है मामला?
सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इसके दो दिन बाद, यानी 26 सितंबर को, उन्हें NSA के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया, जहां वे पिछले 19 दिनों से बंद हैं।
बताया जा रहा है कि लेह में हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके सिलसिले में वांगचुक को मुख्य भड़काऊ माना गया है।
सुनवाई के दौरान वांगचुक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि हिरासत की वैधानिक जानकारी परिवार को नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, “NSA के तहत किसी की स्वतंत्रता छीनी जा रही है, और परिवार को यह तक नहीं बताया जा रहा कि किन आधारों पर।”
इस पर केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गिरफ्तारी के सभी कारण वांगचुक को पहले ही बताए जा चुके हैं, और उनकी पत्नी को कॉपी देने पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था और गीतांजलि अंगमो की याचिका पर जवाब मांगा था।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और बुद्धिजीवियों की ओर से नाराजगी जाहिर की गई है। कई संगठनों ने यह गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए रिहाई की मांग की है।