‘दिवाली पर सिर्फ हिंदू दुकानदार से खरीदें’ वाले बयान पर अजित पवार ने जताई नाराजगी, NCP विधायक से मांगा जवाब

KNEWS DESK – स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को एक नए संकट का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के विधायक संग्राम जगताप ने हाल ही में दिवाली के मौके पर हिंदू मतदाताओं से केवल हिंदू व्यापारियों से खरीदारी करने की अपील कर दी, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई।

अजित पवार ने इन टिप्पणियों को ‘पूरी तरह से गलत’ और ‘अस्वीकार्य’ बताते हुए जगताप को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह विवाद एनसीपी के धर्मनिरपेक्ष और बहु-समुदाय वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है, जिसमें अल्पसंख्यक और प्रगतिशील मतदाता शामिल हैं।

एनसीपी पारंपरिक रूप से शहरी केंद्रों और महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों में अपनी छवि सेक्युलर और समावेशी बनाए रखने के लिए जानी जाती रही है। ऐसे में जगताप का चरम हिंदुत्व वाला बयान पार्टी की विश्वसनीयता को चुनौती दे सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि स्थानीय निकाय चुनाव अक्सर जाति, समुदाय और स्थानीय मुद्दों पर तय होते हैं। इस परिदृश्य में जगताप का अतिवादी बयान उनके निर्वाचन क्षेत्र की स्थानीय राजनीतिक जरूरतों से उत्पन्न हुआ हो सकता है। हालांकि, यह एनसीपी के राज्यव्यापी संतुलन और धर्मनिरपेक्ष छवि के लिए खतरा पैदा करता है।

राज्य में विपक्ष और पार्टी के कुछ नेताओं ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है, लेकिन केवल कारण बताओ नोटिस को कई विशेषज्ञ कमजोर और अस्थायी उपाय मान रहे हैं। अजित पवार के लिए अब चुनौती यह है कि वह विधानसभा और अल्पसंख्यक मतदाताओं के बीच संतुलन बनाए रखते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करें, ताकि पार्टी की व्यापक छवि और आगामी चुनावों में उसकी राजनीतिक पकड़ मजबूत बनी रहे।