KNEWS DESK- पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की भयावह घटना के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। देशभर में उनकी कथित टिप्पणी पर तीखी आलोचना हो रही है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर लड़कियों के रात में बाहर निकलने पर सवाल उठाया था। अब इस बयान को लेकर ममता बनर्जी ने मीडिया पर बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है।
रविवार को मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने केवल यह कहा था कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों को बाहर न जाने दिया जाए, क्योंकि सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। लेकिन मीडिया ने इसे आम बना दिया और कह दिया कि महिलाएं रात में बाहर न निकलें। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर मैं कहती हूं कि मैं चावल खाती हूं, तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं चावल हूं। मेरे शब्दों का गलत अर्थ निकालना बंद करें। जानबूझकर विवाद खड़ा करना पत्रकारिता नहीं है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो मैं भविष्य में प्रेस से मिलना बंद कर दूंगी।”
10 अक्टूबर की रात दुर्गापुर में ओडिशा की रहने वाली एक मेडिकल छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने कोलकाता एयरपोर्ट पर कहा था “लड़की एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ती थी। वह रात साढ़े बारह बजे बाहर कैसे थी? यह इलाका सुनसान और जंगल जैसा है। निजी कॉलेजों को अपनी छात्राओं का ध्यान रखना चाहिए।”
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया शुरू हो गई। कई नेताओं, महिला संगठनों और आम लोगों ने मुख्यमंत्री पर पीड़िता को दोष देने का आरोप लगाया। कई ने सवाल उठाया कि क्या सुरक्षा की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की नहीं है?