KNEWS DESK- इस साल अहोई अष्टमी का पावन पर्व 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह व्रत मां द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर संतान की रक्षा करने वाली देवी अहोई माता की पूजा करती हैं। अहोई माता को देवी पार्वती का स्वरूप माना जाता है।

यह व्रत करवा चौथ के कुछ दिन बाद और दीपावली से पहले आता है। अहोई अष्टमी का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह मातृत्व, ममता और आस्था का संगम माना जाता है। जिन महिलाओं के बच्चे नहीं होते, वे भी संतान प्राप्ति की कामना से यह व्रत करती हैं।
पूजा विधि
इस दिन दोपहर या शाम में घर की दीवार या पूजा स्थल पर अहोई माता का चित्र बनाया जाता है। माता के साथ सात तारों और श्यामा-ब्यामा का भी चित्र बनाया जाता है। महिलाएं चावल, हलवा, पूड़ी और अन्य पकवान बनाकर पूजा करती हैं। पूजा के बाद शाम को तारों को देखकर और अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रत खोला जाता है।
इस दिन का विशेष प्रसाद गुड़ के गुलगुले और गुड़ की खीर
अहोई अष्टमी पर मीठे व्यंजन बनाना शुभ माना जाता है। खासतौर पर गुड़ के गुलगुले और गुड़ की खीर को इस दिन के प्रसाद के रूप में तैयार किया जाता है। यहां जानिए इनकी आसान रेसिपी—
गुड़ के गुलगुले रेसिपी
सामग्री:
- 1 कप गेहूं का आटा
- ½ कप गुड़ (कद्दूकस किया हुआ या टुकड़ों में)
- पानी आवश्यकतानुसार
- 1 छोटा चम्मच सौंफ पाउडर (वैकल्पिक)
- ¼ छोटा चम्मच इलायची पाउडर
- एक चुटकी बेकिंग सोडा (अगर फूले हुए गुलगुले चाहिए)
- तेल तलने के लिए
विधि:
- एक पैन में पानी गर्म करें और उसमें गुड़ डालकर घुलने दें।
- जब गुड़ पिघल जाए, तो गैस बंद कर इसे ठंडा होने दें।
- अब एक बाउल में आटा, सौंफ और इलायची पाउडर मिलाएं।
- इसमें थोड़ा-थोड़ा गुड़ का घोल डालकर गाढ़ा बैटर तैयार करें।
- इसे 15–20 मिनट ढककर रख दें।
- अब कढ़ाई में तेल गर्म करें और चम्मच से थोड़ा-थोड़ा बैटर डालें।
- धीमी आंच पर गुलगुले सुनहरे और कुरकुरे होने तक तलें।
- इन्हें टिशू पेपर पर निकालें और गर्मागर्म परोसें।
गुड़ की खीर रेसिपी

सामग्री:
- 1 लीटर दूध
- ¼ कप चावल
- ½ कप गुड़ (कद्दूकस किया हुआ)
- 1 छोटा चम्मच घी
- ½ छोटा चम्मच इलायची पाउडर (वैकल्पिक)
- ड्राई फ्रूट्स स्वादानुसार
विधि:
- चावल धोकर 30 मिनट पानी में भिगो दें।
- एक भारी तले के बर्तन में दूध उबालें और उसमें चावल डालें।
- धीमी आंच पर लगातार चलाते रहें ताकि दूध नीचे न लगे।
- 20–30 मिनट तक पकाएं जब तक चावल नरम और दूध गाढ़ा न हो जाए।
- अब गैस बंद कर दूध को थोड़ा ठंडा करें, फिर उसमें गुड़ डालें।
- गुड़ पूरी तरह घुल जाने पर घी में भुने हुए मेवे और इलायची डालें।
- स्वादिष्ट और सुगंधित गुड़ की खीर तैयार है।
इस प्रकार अहोई अष्टमी का यह व्रत मातृ प्रेम, श्रद्धा और संतान के मंगल की कामना का प्रतीक है। मां अहोई की कृपा से हर घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे यही इस पर्व का संदेश है।