KNEWS DESK – 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता के रूप में वेनेज़ुएला की मारिया कोरिना मचाडो का नाम घोषित किया गया है। मचाडो को वेनेज़ुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सम्मानित किया गया है। नोबेल समिति ने कहा कि मचाडो ने अपने जीवन के गंभीर खतरे के बावजूद लगातार अपने कार्य को जारी रखा और उनका यह कदम लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
अमेरिका ने जताई नाराजगी
मारिया कोरिना मचाडो के चयन के बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया भी सामने आई। व्हाइट हाउस ने कहा कि नोबेल समिति ने शांति के बजाय राजनीति को महत्व दिया है। ओवल ऑफिस के कम्युनिकेशन डायरेक्टर स्टीवन चुइंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “नोबेल समिति ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से शांति कायम करने की कोशिशों को नजरअंदाज किया। इसके बावजूद ट्रंप शांति की कोशिशें जारी रखेंगे। वह युद्ध समाप्त करवाते रहेंगे और लोगों की जिंदगी बचाएंगे। वह मानवीय संवेदनाओं से भरे हुए व्यक्ति हैं।”
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ट्रंप की नोबेल दावेदारी और नॉमिनेशन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि वह अपने कार्यकाल के नौ महीनों में आठ युद्धों को समाप्त करने में सफल रहे हैं। इस बार ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए इजरायल, रूस, अजरबैजान, पाकिस्तान, थाईलैंड, आर्मेनिया और कंबोडिया सहित कई देशों ने नामांकित किया था।
नोबेल समिति का फैसला
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने कहा कि मारिया कोरिना मचाडो की लगातार मेहनत और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें यह पुरस्कार दिलाने लायक बनाती है। इस वर्ष नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल 338 नामांकन प्राप्त हुए, जिनमें 94 संगठन और 244 व्यक्ति शामिल थे।