डिजिटल डेस्क- 26 सितंबर को हुए बरेली हिंसा के बाद अब प्रशासन और नगर निगम ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के शाहबाद मोहल्ले के भूड़ इलाके में नगर निगम ने 27 मकान मालिकों को नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उनके घर नगर निगम की जमीन पर अवैध रूप से बने हैं। इनमें एक नाम ऐसा भी है जिसने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत घर प्राप्त किया था। सूची में शामिल महिला अख्तर जहां और उनके पति खुर्शीद अहमद को पीएम आवास योजना के तहत ढाई लाख रुपये का अनुदान मिला था। अब इन्हें भी 15 दिन के भीतर मकान खाली करने का नोटिस मिला है। अख्तर जहां का कहना है कि “हमने किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं किया। हमारे पास बिजली बिल और वसीयत के वैध कागजात हैं। उसी के आधार पर हमें आवास योजना का लाभ दिया गया था, लेकिन अब हमें अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।”
फर्जी कागजों के सहारे आवंटित कराया था पीएम आवास
वहीं, वार्ड पार्षद शालिनी जौहरी ने इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि “इन घरों को फर्जी कागजों के सहारे बनाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में कई फर्जी नाम हैं। ऐसे सभी मकानों पर कार्रवाई जरूरी है। जो भी नगर निगम की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, उनके खिलाफ बुलडोजर चलना चाहिए।”
कार्रवाई सिर्फ एक ही समुदाय को निशाना बनाकर- स्थानीय निवासी का आरोप
नगर निगम की इस कार्रवाई से इलाके में अफरा-तफरी और दहशत का माहौल है। कई परिवारों का कहना है कि यह जमीन नगर निगम की नहीं, बल्कि वक्फ की संपत्ति है और वे पिछले 40-50 वर्षों से यहां रह रहे हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि “कार्रवाई सिर्फ एक ही समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर की जा रही है। हम गरीब लोग हैं, हमारे सिर से छत मत छीनी जाए।”
नोटिस के बाद पुनः हो रही दस्तावेजों की जांच
नगर निगम ने कहा है कि जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है, उनके दस्तावेजों की पुनः जांच की जा रही है। अगर किसी ने फर्जी कागजातों के आधार पर सरकारी योजना का लाभ लिया है, तो कठोर कार्रवाई तय है। अधिकारियों का कहना है कि 15 दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट न होने पर अवैध मकानों पर बुलडोजर चलाया जाएगा।