डिजिटल डेस्क- सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में कथित जहरीले कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों की सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायालय की पीठ, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने की, ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विशाल तिवारी ने कहा कि यह मिलावटी दवा का मामला पहला नहीं है और राज्य एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, इसलिए एक ही केंद्रीय एजेंसी से जांच जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि सितंबर की शुरुआत से अब तक कम से कम 14 बच्चों की मौतें हुई हैं, जिनमें ज्यादातर महाराष्ट्र के नागपुर और मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से सामने आए हैं।
क्या कहा गया था याचिका में ?
याचिका में यह भी कहा गया कि मध्य प्रदेश सरकार के प्रयोगशाला परीक्षणों में तमिलनाडु की श्रीसन फार्मा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मौजूद पाया गया, जो जहरीला औद्योगिक विलायक है और दवाइयों में इस्तेमाल के लिए प्रतिबंधित है।
लोग अखबार पढ़कर याचिका लेकर आते हैं- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि “जब भी कुछ होता है, सभी संस्थान मौजूद होने के बावजूद, लोग अखबार पढ़ते हैं और फिर याचिका लेकर आते हैं।” मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्होंने कितनी जनहित याचिकाएं दायर की हैं, जिस पर तिवारी ने 8-10 का उत्तर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।