कांशीराम पुण्यतिथि पर लखनऊ में बसपा की रैली, लाखों समर्थकों का जुटान, मायावती करेंगी संबोधित

KNEWS DESK- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर लखनऊ स्थित मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल पर गुरुवार को एक भव्य रैली का आयोजन किया गया है। इस रैली को लेकर देशभर से आए बसपा समर्थकों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती इस ऐतिहासिक रैली को सुबह 9 बजे संबोधित करेंगी।

बुधवार सुबह से ही लखनऊ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। उत्तर प्रदेश के कोने-कोने के साथ ही पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्यों से भी भारी संख्या में बसपा कार्यकर्ता राजधानी पहुंचे। रमाबाई अंबेडकर मैदान में रुकने और भोजन की व्यवस्था की गई है। यहीं से समर्थक सुबह सभा स्थल के लिए रवाना होंगे।

इस रैली की खास बात यह रही कि अधिकांश बसपा समर्थक अपने खर्च पर और आपसी सहयोग से रैली में पहुंचे हैं। बिहार के भभुआ से आए दूधनाथ राम ने बताया कि उनके जिले से लगभग 250 लोग ₹150–₹200 चंदा लगाकर मायावती का भाषण सुनने आए हैं। उनका कहना है, “बहनजी सत्ता में हों या न हों, हमारा समर्थन उनके साथ है, क्योंकि उन्होंने बहुजन समाज के लिए जो किया है, वो अमूल्य है।”

रैली में पुरुषों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और बच्चे भी शामिल हैं। गाजीपुर से आईं कलावती देवी ने कहा, “बहनजी को देखने और सुनने की ललक हमें यहां खींच लाई है। उनकी विचारधारा आज भी हमारे दिलों में है।” वहीं नैनीताल से पहुंचे मोहम्मद रहीम ने कहा कि मायावती के शासन में मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षा और रोजगार के अच्छे अवसर मिले थे।

रैली स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से डॉ. भीमराव अंबेडकर और कांशीराम के संघर्षों को संगीत और कला के जरिए प्रस्तुत किया गया। इससे समर्थकों में जोश और जागरूकता दोनों का संचार हुआ।

बसपा प्रमुख मायावती अपने संबोधन में दलित समाज को एकजुट करने, बसपा के गिरते जनाधार को फिर से मजबूत करने और विपक्षी दलों द्वारा संविधान संशोधन को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम का पर्दाफाश करेंगी। सूत्रों के अनुसार, वह सपा और कांग्रेस पर भी तीखे प्रहार कर सकती हैं।

पिछले कुछ वर्षों में बसपा का जनाधार कमजोर हुआ है, जिसे दोबारा मजबूत करने की दिशा में यह रैली एक बड़ा कदम मानी जा रही है। पार्टी ने संगठनात्मक ढांचे में परिवर्तन कर नई ऊर्जा के साथ जमीनी स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है।

रैली को सफल बनाने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। बामसेफ और बहुजन वालंटियर फोर्स के कार्यकर्ताओं को आयोजन की जिम्मेदारी दी गई है, वहीं पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता भी मैदान में डटे हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस रैली में करीब 10 लाख समर्थकों के शामिल होने की उम्मीद है। यह आयोजन न सिर्फ एक श्रद्धांजलि सभा है, बल्कि बसपा के पुनरुत्थान की रणनीति का भी हिस्सा माना जा रहा है।