डिजिटल डेस्क- महराजगंज जिले के नौतनवा तहसील क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक ग्राम बनरसिहा कला के बौद्ध स्तूप देवदह में चार दीवारी निर्माण के लिए नींव की खुदाई के दौरान श्रमिकों को एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज हुई है। खुदाई के दौरान मिट्टी के एक बड़े घड़े में कुशाण कालीन तांबे के सिक्के बरामद हुए हैं। इस घड़े में कुल 36 किलो तांबे के सिक्के पाए गए। घटना की जानकारी मिलते ही पुरातत्व विभाग ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सिक्कों को कब्जे में ले लिया और उन्हें जांच के लिए लखनऊ भेज दिया। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बनरसिहा कला की लगभग 88.8 एकड़ भूमि को पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया हुआ है और पिछले साल इस क्षेत्र में दो चरणों में उत्खनन भी कराया गया था। इन उत्खननों में पहले भी कुशाण कालीन साक्ष्य मिल चुके हैं।
घड़े के अलावा मिले बर्तन, खिलौने और दीवारों के अवशेष
पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि खुदाई के दौरान मिट्टी के घड़े के अलावा मिट्टी के बर्तन, खिलौने और दीवार के अवशेष भी मिले हैं। लेकिन इस बार पहली बार इतने बड़े पैमाने पर कुषाण कालीन सिक्के बरामद हुए हैं। चौकीदार ओमप्रकाश ने बताया कि सिक्के घड़े में देखकर उसने तुरंत पुरातत्व विभाग को सूचना दी।
बनरसिहा था गौतम बुद्ध का ननिहाल
विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह खोज ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। बनरसिहा कला को कभी-कभी बुद्ध का ननिहाल देवदह माना जाता है, हालांकि इस बात का कोई निश्चित प्रमाण अब तक नहीं मिला है। फिर भी उत्खनन से मिले ये सिक्के उस कालखंड की सभ्यता और आर्थिक स्थिति के बारे में नई जानकारी प्रदान कर सकते हैं। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ भेजे गए सिक्कों की जांच और विश्लेषण के बाद ही इनके इतिहास और महत्व का पूर्ण अध्ययन किया जाएगा। स्थानीय लोगों में इस खोज को लेकर उत्सुकता और गर्व दोनों देखने को मिल रही है।