बिहार विस चुनावः तारीखों की घोषणा के बाद 60 दिनों तक निषेधाज्ञा लागू, बिना अनुमति नहीं होगी कोई सभा-जुलूस

डिजिटल डेस्क- विधानसभा चुनाव के दौरान जिले में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने सख्त कदम उठाया है। उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा-163 के तहत पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक या अधिकतम 60 दिनों तक प्रभावी रहेगा। निषेधाज्ञा लागू होने के बाद अब कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक दल बिना अनुमति के सभा, जुलूस, धरना या प्रदर्शन नहीं कर सकेगा। इसके अलावा शस्त्र प्रदर्शन, भड़काऊ भाषण या किसी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री का प्रचार-प्रसार भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। डीएम ने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते विधि-व्यवस्था भंग होने की आशंका रहती है। असामाजिक तत्व मतदाताओं को प्रभावित या आतंकित करने का प्रयास कर सकते हैं, इसलिए यह कदम उठाया गया है।

रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग वर्जित

डीएम ने कहा कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग वर्जित रहेगा। बिना अनुमति लाउडस्पीकर, पोस्टर, पर्चे या किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री का प्रसार करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी कोई भड़काऊ या आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला संदेश प्रसारित नहीं किया जा सकेगा। धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा और न ही साम्प्रदायिक भावना भड़काने का कोई प्रयास किया जाएगा। मतदाताओं को डराने, धमकाने या किसी प्रकार का प्रलोभन देने पर भी प्रतिबंध रहेगा। प्रदूषण फैलाने वाली प्रचार सामग्री के उपयोग पर भी रोक लगाई गई है।

प्राणघातक हथियारों पर भी लगा प्रतिबंध

डीएम ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा आग्नेयास्त्र, लाठी, भाला, गड़ासा या अन्य घातक हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। हालांकि शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों को निरीक्षण या शस्त्र जमा करने के लिए आने-जाने में छूट दी जाएगी। यह आदेश शादी-ब्याह, शव यात्रा, हाट-बाजार, अस्पताल जाने वाले मरीजों, विद्यार्थियों और सरकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। चुनाव प्रचार के लिए वाहनों का प्रयोग केवल निर्वाचन आयोग की अनुमति से किया जा सकेगा, और वाहन काफिले की सीमा का पालन अनिवार्य होगा। डीएम त्यागराजन ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक दल यदि आयोग की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।