KNEWS DESK – बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राज्य में इस बार दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर 2025 को की जाएगी।
दो चरणों में मतदान, पारदर्शिता पर जोर
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार बिहार में पांच साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहा है और आयोग की जिम्मेदारी दो हिस्सों में बंटी होती है — पहला, मतदाता सूची तैयार करना, और दूसरा, चुनाव प्रक्रिया को अंजाम देना। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के शुद्धिकरण (SIR) की प्रक्रिया 24 जून 2025 से शुरू हुई थी। इसके बाद 1 अगस्त को ड्राफ्ट लिस्ट जारी की गई और 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति का समय दिया गया। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई। ज्ञानेश कुमार ने बताया कि अगर अब भी किसी मतदाता को सूची में कोई त्रुटि लगती है, तो वह जिलाधिकारी के पास अपील दाखिल कर सकता है।
SIR पर उठे सवालों का जवाब
SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया को लेकर सोशल मीडिया पर उठे सवालों पर ज्ञानेश कुमार ने कहा, “राजनीतिक दलों ने ही इस प्रक्रिया की मांग की थी। सोशल मीडिया पर कई बातें कही गईं, लेकिन सच्चाई यह है कि यह प्रक्रिया राजनीतिक दलों की पहल पर शुरू की गई थी।”
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और यह संविधान के दायरे में रहकर निष्पक्ष चुनाव कराती है। मतदाता सूची स्थानीय अधिकारी तैयार करते हैं, जबकि ERO (Electoral Registration Officer) अंतिम निर्णय लेते हैं। यदि किसी को कोई आपत्ति है, तो वह पहले जिलाधिकारी, और उसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील कर सकता है।
पक्षपात के आरोपों पर आयोग का बयान
पक्षपात के आरोपों पर जवाब देते हुए सीईसी ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह पारदर्शी ढंग से काम करता है। उन्होंने कहा, “कहीं भी पक्षपात का मामला नहीं है। पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष है और इसमें राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी रही है। यदि किसी स्तर पर समस्या आई भी, तो उसे ERO स्तर पर सुलझा लिया गया।”
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि मतदाता सूची से नाम हटाने के मुख्य कारण मृत्यु, नागरिकता साबित न होना, या स्थायी रूप से किसी अन्य राज्य में चले जाना हैं। सभी संबंधित आंकड़े राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराए गए हैं।
बिहार में कुल 7.43 करोड़ वोटर
चुनाव आयोग के मुताबिक बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं। इनमें लगभग 3.92 करोड़ पुरुष, 3.50 करोड़ महिला और 1,725 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा 7.2 लाख दिव्यांग मतदाता, 4.04 लाख वरिष्ठ नागरिक (85 वर्ष से अधिक), 14 हजार से अधिक शतायु मतदाता (100 वर्ष या अधिक उम्र), 1.63 लाख सर्विस वोटर्स, 1.63 करोड़ युवा मतदाता (20-29 वर्ष आयु वर्ग) और 14.01 लाख प्रथम बार वोट देने वाले (18-19 वर्ष) हैं| ये सभी आंकड़े 30 सितंबर 2025 तक के हैं।
90,712 मतदान केंद्र, हर बूथ पर वेबकास्टिंग
आयोग ने बताया कि बिहार में 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें प्रति केंद्र औसतन 818 मतदाता रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 76,801 केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में और 13,911 केंद्र शहरी इलाकों में हैं। सभी केंद्रों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, 1,350 मॉडल मतदान केंद्र भी तैयार किए गए हैं, जहां मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भरोसा दिलाया कि बिहार चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न होंगे। उन्होंने कहा कि आयोग ने इस बार तकनीक, निगरानी और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया है ताकि हर वोट सुरक्षित रहे और हर नागरिक का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके।