उत्तर प्रदेश में कफ सिरप को लेकर अलर्ट, श्रीसन फार्मा की बिक्री पर रोक, statewide जांच अभियान शुरू

KNEWS DESK- मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने एहतियातन बड़ा कदम उठाया है। राज्य के सभी जिलों में रविवार से व्यापक जांच अभियान शुरू हो गया है। प्रदेश भर में श्रीसन फार्मा द्वारा निर्मित कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। साथ ही, सभी संबंधित औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे कफ सिरप के नमूने एकत्र कर लखनऊ स्थित प्रयोगशाला भेजें।

तमिलनाडु की फार्मा कंपनी श्रीसन फार्मा के कोल्ड्रिफ कफ सिरप में खतरनाक रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मौजूदगी पाई गई है। यह रसायन अत्यंत विषैला होता है और बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसी वजह से मध्य प्रदेश में कई बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। राजस्थान में भी कायसन फार्मा के कफ सिरप से ऐसी ही मौतों की खबरें आई हैं। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी सिरप की गुणवत्ता की जांच को लेकर विशेष अभियान शुरू किया गया है।

उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सभी जिलों के औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि श्रीसन फार्मा के किसी भी कफ सिरप की बिक्री तुरंत रोकी जाए, जहां भी ऐसा सिरप मौजूद हो, उसके नमूने लिए जाएं और लखनऊ प्रयोगशाला भेजे जाएं, सभी सरकारी और निजी अस्पतालों, मेडिकल स्टोरों की जांच की जाए, कफ सिरप निर्माण में प्रयुक्त प्रोपाइलीन ग्लाइकॉल के भी नमूने लिए जाएं, हर शाम को रिपोर्ट तैयार कर Google Sheet के माध्यम से राज्य मुख्यालय भेजी जाए।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPMSCL) के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजा है, जिसमें पूछा गया है कि क्या प्रदेश में श्रीसन फार्मा के किसी कफ सिरप का भंडारण या वितरण किया गया है। यदि ऐसा है, तो तत्काल वितरण रोकने और भंडारण की जानकारी साझा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह, दवा विक्रेता संगठनों को भी पत्र भेजकर सिरप की बिक्री रोकने और भंडारण की सूचना देने को कहा गया है।

इस निर्देश के बाद सोमवार से पूरे प्रदेश में मेडिकल स्टोर, अस्पताल और दवा भंडारण केंद्रों पर औचक निरीक्षण शुरू होगा। निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कड़ी निगरानी रखते हुए रिपोर्ट प्रतिदिन भेजें ताकि किसी भी तरह की लापरवाही से बचा जा सके।