KNEWS DESK- इंटरनेशनल ट्रैवल और टूरिज्म उद्योग अगले दशक में रोजगार के बड़े अवसर पैदा करने जा रहा है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (WTTC) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 10 वर्षों में इस सेक्टर में 9.1 करोड़ नई नौकरियां बनाई जाएंगी, यानी दुनिया में बनने वाली हर तीन नई नौकरियों में से एक यात्रा और पर्यटन क्षेत्र से होगी।

रिपोर्ट का नाम है “Future of the Travel & Tourism Workforce”, जो 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर आधारित है। यदि जनसांख्यिकीय और संरचनात्मक बदलावों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इस सेक्टर में 4.3 करोड़ कर्मचारियों की कमी हो सकती है। यह मतलब है कि 2035 तक उपलब्ध वर्कफोर्स की मांग के मुकाबले 16% कम होगी।
आर्थिक प्रभाव
2024 में ट्रैवल और टूरिज्म की मांग अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर रही। इस सेक्टर का GDP योगदान 8.5% बढ़कर 10.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया, जो 2019 के स्तर से 6% अधिक है। 2024 में 2.07 करोड़ नई नौकरियां बनीं, जिससे कुल रोजगार 357 मिलियन (35.7 करोड़) तक पहुंच गया।
सबसे ज्यादा कमी कहाँ होगी?
रिपोर्ट के अनुसार, अगले 10 वर्षों में श्रमिकों की कमी सबसे अधिक इन क्षेत्रों में देखने को मिलेगी चीन 1.69 करोड़, भारत 1.1 करोड़, यूरोपीय संघ 64 लाख यूरोप अभी भी वैश्विक पर्यटन में सबसे आगे है और GDP के आधार पर दुनिया के शीर्ष 10 पर्यटन बाजारों में से 5 यूरोप में हैं। वहीं, मध्य पूर्व तेजी से बढ़ता क्षेत्र है, खासकर सऊदी अरब, जहां विदेशी पर्यटकों के खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं।
भविष्य की चुनौतियां और अवसर
WTTC की रिपोर्ट का सुझाव है कि अगर वर्कफोर्स में कमी को समय रहते नहीं भरा गया, तो वैश्विक पर्यटन उद्योग को आर्थिक और परिचालन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, यह सेक्टर रोजगार के विशाल अवसर भी प्रदान करता है, खासकर युवाओं और नए स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए।
ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर न केवल वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़ा रहा है, बल्कि अगले दशक में यह लाखों नए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। हालांकि, यदि वर्कफोर्स की कमी को सही समय पर पूरा नहीं किया गया, तो कई बड़े पर्यटन बाजारों में कामकाज प्रभावित हो सकता है।