KNEWS DESK- हर महीने पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि में से अश्विन महीने की पूर्णिमा, जिसे शरद पूर्णिमा कहा जाता है, का अपना अलग ही महत्व है। इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और उसकी रोशनी अमृत बरसाने वाली मानी जाती है। परंपरा के अनुसार, इस रात खीर बनाकर चांदनी में रखी जाती है, जिससे उसमें औषधीय गुण समा जाते हैं। इस बार शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उन्हें खीर का भोग लगाया जाता है।

अब जानते हैं इस शुभ दिन पर बनने वाली क्रीमी और स्वादिष्ट चावल की खीर की यूनिक रेसिपी, जो आपके घरवालों को बेहद पसंद आएगी।
खीर बनाने के लिए ज़रूरी सामग्री
- बासमती चावल – 1 कटोरी (30-40 मिनट तक भिगोए हुए)
- फुल क्रीम दूध – 1.5 लीटर
- चीनी – ¼ कप (स्वाद अनुसार)
- हरी इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
- बादाम, काजू, पिस्ता – 10-15-10 (बारीक कटे हुए)
- मावा – 100 ग्राम
- देसी घी – 2 छोटे चम्मच
- केसर – 2-3 धागे (2 चम्मच गुनगुने दूध में भिगोए हुए)
- कस्टर्ड पाउडर – ½ छोटा चम्मच
खीर बनाने की विधि
पहला स्टेप: दूध और चावल तैयार करें
- एक गहरे पैन में दूध को धीमी आंच पर उबलने रखें।
- जब दूध में उबाल आ जाए तो मलाई को किनारों से खुरचकर दूध में मिला दें।
- अब भीगे हुए चावल छानकर दूध में डालें।
- आप चाहें तो आधा दूध निकालकर बाद में मिलाने के लिए अलग रख सकते हैं।
- चावल डालने के बाद 1 चम्मच देसी घी डालें और धीमी आंच पर पकने दें, जब तक चावल गल न जाएं।
दूसरा स्टेप: खीर को क्रीमी बनाएं
- जब चावल नरम हो जाएं, तब हल्के हाथों से चमचे से थोड़ा मैश करें।
- अब बचा हुआ दूध डालें और फिर से धीमी आंच पर उबालें।
- इसके बाद चीनी डालें और घुलने दें।
- एक कटोरी में थोड़ा ठंडा दूध लेकर उसमें कस्टर्ड पाउडर घोलें और खीर में धीरे-धीरे मिलाएं। इससे खीर और भी गाढ़ी और क्रीमी बनेगी।
तीसरा स्टेप: स्वाद बढ़ाने के लिए नट्स और मावा डालें
- अब कटे हुए बादाम, काजू, पिस्ता को थोड़ा घी में हल्का फ्राई करें और खीर में डालें।
- मावा को मसलकर इसमें मिलाएं।
- अंत में इलायची पाउडर और केसर वाला दूध डालें।
- धीमी आंच पर 2-3 मिनट पकाकर गैस बंद कर दें।
शरद पूर्णिमा की खीर का खास महत्व
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों में औषधीय शक्ति होती है। इस रात चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मन को शांति मिलती है। इसे “अमृत खीर” भी कहा जाता है।
खास टिप्स
- अगर आप दानेदार खीर नहीं पसंद करते, तो चावल को दरदरा पीसकर इस्तेमाल करें।
- खीर में कभी पानी न डालें, वरना स्वाद फीका हो जाता है।
- फुल क्रीम दूध या भैंस का दूध इस्तेमाल करें, इससे खीर ज्यादा मलाईदार बनती है।
- धीमी आंच पर ही खीर पकाएं ताकि उसका टेक्सचर और फ्लेवर दोनों शानदार रहें।
तो इस शरद पूर्णिमा पर बनाएं ये क्रीमी, स्वादिष्ट और पारंपरिक खीर, रखें इसे चांदनी में और पाएं अमृत जैसा स्वाद और शुभ फल।