लखनऊ के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं ने लगाया प्रिंसिपल-वार्डन पर गंभीर आरोप, वार्डन निलंबित, जांच कमेटी गठित

डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र में स्थित खुजौली के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विद्यालय की छात्राओं ने प्रिंसिपल और वार्डन पर उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला सामने आते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया और जिलाधिकारी (डीएम) विशाख जी. ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वार्डन को तत्काल पद से हटा दिया। साथ ही, घटना की गहन जांच के लिए तीन सदस्यीय महिला अधिकारियों की कमेटी गठित की गई है।

समाधान दिवस पहुंचकर बच्चों ने बताई आपबीती

शनिवार को तहसील समाधान दिवस के दौरान कई छात्राएं डीएम के पास पहुंचीं और रोते हुए अपनी आपबीती सुनाई। छात्राओं ने बताया कि विद्यालय परिसर में रात के समय अजीब और संदिग्ध लोग आते हैं। जब वे इस पर सवाल उठाती हैं या विरोध करती हैं, तो प्रिंसिपल और वार्डन उन्हें गालियां देती हैं और मारपीट करती हैं। इतना ही नहीं, उन्हें धमकी दी जाती है कि अगर उन्होंने किसी को कुछ बताया तो उनकी हत्या कर दी जाएगी।

छात्राओं का आरोप- झाड़ू, शौचालय साफ करने के लिए किया जाता है मजबूर

छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें झाड़ू लगाने और शौचालय साफ करने जैसे कामों के लिए मजबूर किया जाता है। भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब है और कई बार उन्हें भूखे रहना पड़ता है। नवरात्रि की छुट्टियों में जब छात्राएं घर लौटीं, तो उन्होंने अपने अभिभावकों को शरीर पर चोटों के निशान दिखाए। इसके बाद अभिभावक अपनी बेटियों के साथ समाधान दिवस में पहुंचे और विद्यालय प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

डीएम ने किया वार्डन को निलंबित, कमेटी गठित

जिलाधिकारी विशाख जी. ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वार्डन को निलंबित कर दिया और जांच के लिए तीन सदस्यीय महिला अधिकारियों की टीम गठित की है। इस कमेटी में एडीएम सिविल सप्लाई ज्योति गौतम, एसीएम-6 और एआर कोऑपरेटिव वैशाली सिंह शामिल हैं। टीम को निर्देश दिया गया है कि छात्राओं के बयान बंद कमरे में दर्ज किए जाएं ताकि वे बिना डर के सच्चाई बता सकें। डीएम ने बीएसए और महिला नायब तहसीलदार को भी जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा है। उन्होंने कहा कि बच्चियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और दोषी पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जबतक कार्वाई नहीं तब तक नहीं भेजेंगे स्कूल

उधर, अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि जब तक जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती, वे अपनी बेटियों को विद्यालय नहीं भेजेंगे। इस घटना ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन की सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि पीड़ित छात्राओं को न्याय मिलेगा और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।