लद्दाख हिंसा पर सरकार बातचीत को तैयार, सभी प्रदर्शनकारी होंगे रिहा,

डिजिटल डेस्क- लद्दाख के लेह में हाल ही में भड़की हिंसा के बाद केंद्र सरकार का पहला आधिकारिक बयान सामने आया है। सरकार ने कहा है कि वह लद्दाख के लोगों की जरूरतों और उम्मीदों को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहती है। साथ ही कोर्ट के आदेश के बाद सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का भी निर्णय लिया गया है। सरकार ने यह भी कहा कि लेह में हुई हिंसा के पीछे कुछ लोगों की राजनीतिक मंशा थी और उन्होंने जानबूझकर स्थिति को भड़काया।

लद्दाख के मुख्य सचिव ने दी जानकारी

लद्दाख के मुख्य सचिव पवन कोतवाल ने जानकारी दी कि कोर्ट के निर्देश के बाद 40 प्रदर्शनकारियों को जेल से रिहा करने का आदेश दिया गया है। इनमें से 30 लोगों को पहले ही रिहा किया जा चुका था। इन सभी को 24 सितंबर को लेह में हुई आगजनी और हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि सरकार जनता के भीतर विश्वास बहाली के लिए कई कदम उठा रही है।

हिंसा के लिए सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया गया

सरकार ने हिंसा की घटनाओं के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है। अधिकारियों का कहना है कि वांगचुक ने बातचीत की प्रक्रिया को बाधित किया और लोगों को गुमराह किया, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी। सरकार ने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए कुछ लोगों ने आंदोलन को भड़काया और स्थिति को हिंसक बना दिया।

क्या कहा मुख्य सचिव ने?

मुख्य सचिव ने कहा कि अगर नेताओं ने समय रहते भूख हड़ताल समाप्त कर दी होती, तो इतनी भयावह स्थिति नहीं बनती। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने अब एक विस्तृत नीति बनाई है, जिसमें भूमि, नौकरियों, संसाधनों और लद्दाख की विशिष्ट पहचान की सुरक्षा जैसे कई विश्वास-निर्माण उपाय शामिल हैं।