डिजिटल डेस्क- भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या एक बार फिर से आध्यात्मिक महाकुंभ का केंद्र बनने जा रही है। कल यानी 5 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 2025 तक श्रीरामहर्षण मैथिली सख्य पीठ धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट और श्रीराम हर्षणम चारुशीला मंदिर, जानकी घाट द्वारा भव्य राम महायज्ञ, रामार्चा पूजन और राम नाम जप अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। इस अनुष्ठान में देशभर से साधु-संत, विद्वान और लाखों राम भक्त शामिल होंगे।
कल 10 बजे होगी कार्यक्रम की शुरूआत
कार्यक्रम की शुरुआत कल सुबह 10 बजे लगभग 20 हजार राम भक्तों की कलश यात्रा से होगी, जो पूरे आयोजन का शुभारंभ करेगी। जिला प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर विशेष तैयारियां की हैं। राम मंदिर में भव्य प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होने जा रहा है, जिसे लेकर अयोध्या धाम में भक्तों का रेला उमड़ने लगा है।
501 विद्वान करेंगे रामार्चा महायज्ञ
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री वल्लभाचार्य महाराज ने बताया कि भारत में पहली बार ऐसा अवसर होगा जब एक ही स्थान पर 501 विद्वान 501 श्री रामार्चा महायज्ञ का आयोजन करेंगे। इसके अलावा 151 विद्वान विशेष रूप से श्रीमद्भागवत महापुराण पारायण करेंगे। वृंदावन के प्रसिद्ध संत मालूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास महाराज अपने मुखारबिंद से कथा सुनाएंगे, वहीं स्वामी बिहारी दास जी महाराज भक्तमाल कथा का प्रवचन करेंगे।
संतों और नेताओं का संगम
यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम का रूप लेगा। योग गुरु बाबा रामदेव सहित देशभर के प्रतिष्ठित संत इस महायज्ञ में शामिल होंगे। साथ ही आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 8 या 9 अक्टूबर को शामिल होंगे, जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 11 अक्टूबर को और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव सहाय 12 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचेंगे।
हर दिन होगा संत सम्मेलन
अनुष्ठान के दौरान प्रतिदिन शाम 5 से 8 बजे तक संत सम्मेलन आयोजित होगा। इसमें सनातन धर्म की परंपरा, अयोध्या धाम के विकास और आधुनिक युग में हिंदू संस्कृति के विस्तार पर गहन चर्चा होगी।